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शशिव पपरराण मराहरात्म्य

ससतजज द्वराररा शशिव पपरराण कक महहमरा करा वणर्णन

शज शिशौनक जज :
महराजरानज ससतजज, आप ससंपसणर्ण शसदरासंतत कक जरातरा हह । ककपयरा मपझसक पपरराणत कक सरार करा वणर्णन करर ।इस कशलियपग मर
सभज जजव आसरप र स्वभराव कक हह गए हह ।अतत ककपरा करकक मझ
प क ऐसरा सराधन बतराइयक जह कल्यराणकरारर एवसं
मसंगलिकरारर हह जजससक मनपष्य कक शिपदद हह जराए और उस ननमर्णलि ह्रदय वरालिक पपरुष कह सददै व कक शलिए शशिव कक पराजपत
हह जराए ।

शज ससतजज नक उत्तर हदयरा ---शिशौनक जज आप धन्य हह क्यतकक आपकक मन मर पपरराण कथरा कह सपननक कक शलिए अपरार
पकम और लिरालिसरा हदै ।इसशलिए मह आपकह परम उत्तम शिरास्त कक कथरा सपनरातरा हसह ।यह शशिवजज कह ससंतपष्ट करनक
वरालिरा अमत
क कक सरामरान हदव्यरा शिरास्त हदै जजसकरा नराम हदै शशिव पपरराण ।इसकरा पसवर्ण करालि मर शशिवजज नक हर पवचन
ककयरा थरा ।शज वकदव्यरास नक सनत्कपमरार सक उपदक शि पराकर इस पपरराण कक रचनरा कक हदै ।यह पपरराण कशलियपग मर
मनपष्यत कक हहत करा परम सराधन हदै ।

यह शशिव परप राण मनहवरासंनछित फलित कह दक नक वरालिरा हदै ।इससक मनपष्य ननष्पराप हह जरातरा हदै तथरा इस लिहक मर सभज सख
प त
कह भहगकर असंत मर शशिव लिहक कह परापत करतरा हदै ।
इस शशिव पपरराण मर २४,००० श्लिहक हह जजसमर ७ ससंहहतराएसं हह । जह मनपष्य पकमपसवक
र्ण ननत्य इसकरा शवण करतरा हदै ,
वह ननस्ससंदकह पपण्यरात्मरा हदै ।भगवन शशिव उस दवद्वरान न पपरुष पर पसन्न हहकर उसक अपनरा धराम पदरान करतक हह ।
शशिव पपरराण मह भगवन शशिव करा सवर्णस्व हदै ।यह ननमर्णलि शशिव पपरराण धमर्ण, अथर्ण, कराम, और महक रूपज चरारत पपरुषराथर
कह दक नक वरालिरा हदै ।

जह मनपष्य पराप, दरप राचरार, तथरा कराम, कहध, मराध, लिहभ मर ननरसं तर डसबक रहतक हह, वक भज शशिव पपरराण पढ़नक अथवरा
सपननक सक शिपद हहतक हह तथरा उनकक परापत करा पसणत
र्ण यरा नराशि हह जरातरा हदै ।

इस दवषय मर मह तपम्हक एक कथरा सन


प रातरा हसह ।

दक वरराज बराह्मण कक कथरा ।

बहपत पहलिक कक बरात हदै , ककररातत कक नगर मर दक वरराज नराम करा एक बराह्मण रहतरा थरा जह जरान मर दब प लि
र्ण , गररब, रस
बकचनक वरालिरा तथरा वदैहदक धमर्ण सक दवमपख थरा । वहह स्नरान ससंध्यरा नहरसं करतरा थरा तथरा उसमर वदैश्य वजक त्त बढ़तज हर जरा
रहर थज ।वह भक्तत कह ठगतरा थरा ।उसनक अनकक मनष्प यत कह मरारकर उन सबकरा धन हड़प शलियरा थरा । वहह
वदैश्यरागरामज तथरा आचरार भ्रष्ट थरा ।

एक हदन वह घसमतरा हपआ ददै वयहग सक पनतष्ठरानपपर जरा पहपसंचरा जहराह उसनक एक शशिवरालिय दक खरा । दक वरराज वहरह ठहर
गयरा ।ररात मर उसक ज्वर आ गयरा और बहपत पजड़रा हहनक लिगज । वहरह पर एक बराह्मण दक वतरा शशिव पपरराण कक कथरा
ससनरा रहक थक ।ज्वर मर पड़क दक वरराज नक भज बराह्मण कक मपख सक शशिवकथरा करा शवण ककयरा । एक मरास बराद दक वरराज चलि
बसरा ।यमरराज कक दत
स उसक बरासंधकर यमपपरर लिक गए ।तभज वहरासं शशिवलिहक सक भगवन शशिव कक पराषर्णदगण आ गए और
उन्हतनक यमरराज कक दत
स त कह मरार पजटकर दक वरराज कह यमदत
स त कक चसंगपलि सक छिपड़रा शलियरा और उसक अपनक अदत

दवमरान मर बबठराकर जब कदैलिरास पवर्णत पर लिक जरा रहक थक, तब यमपपरर मर कहलिराहलि मच गयरा ।

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