प्रधानमंत्री जी द्वारा चलाया गया “प्रधानमंत्री कृषि ष ंचाई योजना”
को बढ़ावा दे ना होगा | जजस तरह से स्वच्छता अजियान चलाया जा
रहा है | हम कह सकते है जब लोग के पास खाने के जलए अगर अन्न का प्रबंध नही हो पायेगा तब तक मनमे अलग से स्वक्ष्छाता का जबचार कहााँ से आएगा हमारे इसजलए कृजि पर जवशेि ध्यान जदया जाये जकशान िाइयो को पुरुस्किररत जकया जाये जजससे हमारी दे श की आजथि क स्किजथ मे िी मदद जमलेगी जसचाई एवं जबज की जकशन िाइयो को जवशेि आवश्यकता है कृजि अजधकारी द्वारा खरीफ फसल एवं रबी फसल के बारे मे समय – समय पर जानकारी जदया जाये । हम सिी ने कहावत में सुना है “अन्न एवं जल” है तो सब कुछ है वरना इस दु जनया मे कुछ नही है । हम जवश्वास के साथ कह सकते है जक अगर िारत की जनता द्वारा प्रिावी रुप से इसका अनुसरण जकया गया तो आने वाले चंद विों में िारत की पंजी एवं आजथिक मे जवशेि सहयोगी बन जाएगा। चुकी प्रधानमंत्री कृजि जसंचाई योजना की आरम्भ हो चुकी है और आने वाले जदन मे और सुचारू रूप से कायि होगा इसमें कोई सक नही है हमारा िारत हररयाली है तो खुसहाली है
The Happiness Project: Or, Why I Spent a Year Trying to Sing in the Morning, Clean My Closets, Fight Right, Read Aristotle, and Generally Have More Fun