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8/17/2016

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कहानी

पे
शावर एĀस☁े
स 
कृ
शन चं
दर 

जब म 딆匂पशावर से
 चल  तो म ने
 छका छक इतमीनान का सां
स  लआ।मे
रे
 डब  म㾀
 िज़आदातर  हं
द ू
लोग बै
ठे
 होए
थे
। ये
 लोग 딆匂पशावर से
 होती मरदान से
, कोहाट से
, चारसदा से बर से
, ख़ै डी कोतल से
, लं न  नौश हरा से
, बं ,
मानसहरा से
 आए थे
 और पाえकसतान म㾀
 जान व माल को म हफ़ू
ज़ ना पा कर  हं
दस
ुतान का ख कर रहे
 थे
,
सटे
शन पर ज़बरदसत प हरा था और फ़ौज वाले
 बड़ी चौकसी से
 काम कर रहे
 थे
। उन लोग  को जो पाえकसतान म㾀
पनाहगु
ज़ीन और  हं
दस
ुतान म㾀
 शरनारथी क हलाते
 थे
 उस वकत तक चै
न का सां
स ना आइआ जब तक म ने
पं
जाब क रोमानख़े
ज़ सरज़मीन क तरफ़ कदम ना ब हाए, ये
 लोग शकलो सरू
त से
  बलकु
ल पठाण मलम
ू होते
थे  耂चटे
, गोरे  मज़बत
ू हाथ पाउं लाह और लं
 , सर पर कु ग
ुी, और िजसम पर कमीज़ और शलवार, ये
 लोग पशतो म㾀
बात करते
 थे
 और कभी कभी  नहाइत कु
रख़त えकसम क पं
जाबी म㾀  थे
 बात चीत करते । उन क  हफ़ाज़त के
 ल ए
हर डबे
 म दो  सपाह  बं
दक
ू㾀  कर खड़े
 ले  थे
। वजीह बलोची  सपाह  आपणी पग ड़ओं
 के
 अकब मोर के
 छतर क तहा
ख़ब
ूसरू
त तरु

 लगाए होए हाथ म जद द राइफ़ल㾀
 ल ए होए उन पठान  और उन के
 बीवी बच  क तरफ़ मस
ुकरा
मस
ुकरा कर दे
ख रहे
 थे
 जो इक तार ख़ी ख़ौफ़ और शर के र­ए­असर उस सर ज़मीन से
 ज़े  भागे
 जा रहे
 थे
 जहां
 वोह
हज़ार  साल से
 र हते
 चले
 आए थे
 िजस क सं
गलाख़ सर ज़मीन से
 उनह  ने
 तवानाई हासल क थी। िजस के
बरफ़ाब चशम  से
 उनह  ने
 पाणी 딆匂पआ था। आज ये
 वतन यक लख़त बे
गाना हो 耂गआ था और उस ने
 आपणे
महरबान सीने
 के द कर द ए थे
 कवाड़  पर बं  और वोह इक नए दे
स के  होए मै
 तपते दान  का तसवर  दल म㾀
 ल ए
बा  दल नाख़वासता वहां
 से
 ख़सत हो रहे
 थे
। इस अमरा क मस
ुरत ज़㾀र थी えक इन क जान㾀 । उन
 बच गई थीं
का बहु
त सा मालो मताअ और उन क बहू
ओ,ं ट ओं
 बे , माऊं
 और बीवीओं  क आब㾀 म हफ़ू
ज़ थी ले
えकन उन का
दल रो रहा था और आंख㾀
 सरहद के
 पथर ले
 सीने पर यं गड़ी होई थीं
 ू  गोइआ इसे चीर कर अं
दर घस
ु जाणा चाहती
ह और उस के  मामता के
 शफ़कत भरे  से
 फ़वारे  पछ
ूणा चाहती ह, 'बोल मां
 आज えकस जरु
म क पादाश म㾀
 तन
ूे
आपणे
 बे
ट  को घर से
  नकाल  दआ है
। आपणी बहू
ओ ं
को इस ख़ब
ूसरू
त आं
गण से
 म ह㾀म कर  दआ है
 जहां
 वोह
क ह तक सह
ुाग क राणीआं
 बणी बै
ठ  थीं
। आपणी अलबे
ल  कं
वा रओं
 को जो अं
गू
र क बे
ल क तहा ते
र  छाती से
लपट रह  थीं
 झं
जोड़ कर अलग कर  दआ है
। えकस ल ए आज ये
 दे
स बदे
स हो 耂गआ है
। म चलती जा रह  थी और
डब  म㾀ठ  होई मख़लक
 बै  वतन क स㹜ᎂहा मरतफ़ा उस के
ू आपणे  बल
ुंद व बाला चटान , इस के
 मरगज़ार , उस क
शादाब वाद ओं
, कं
ज  और बाग़  क तरफ़ यं
ु दे
 ूख रह  थी, जै
से
 हर जाणे
 प हचाणे
 मं
ज़र को आपणे
 सीने
 म㾀
 छुपा
कर ले
 जाणा चाहती हो जै
से
  नगाह हर लख़ता क जाए, और मझ
ु े
ऐसा मलम आ えक इस अज़ीम रं
ू हु जो आलम
के  मे
 भार से रे
 कदम भार  होए जा रहे
 ह। और रे
ल क पटर  मझ
ु े
जवाब द ए जा रह  है
। हसन अबदाल तक लोग यं

ह  म हज  अफ़सरु
दा यास व नकबत क तसवीर बणे
 रहे
। हसन अबदाल के शन पर बहु
 सटे त से
  सख आए होए

1/7
8/17/2016

थे
। पं
जा सा हब से
 लं
बी लं
बी करपान㾀
 ल ए 耂चहर  पर हवाईआं
 उड़ी होई बाल बचे
 स हमे
 स हमे
 से
, ऐसा मलम

होता था えक आपणी ह  तलवार के  ये
 घाउ से  लोग ख़द गे
ु मर जाएं। डब  म बै
ठ कर उन लोग  ने
 इतमीनान का
सां
स  लआ और えफर दस
ूरे
 सरहद के
  हं
द ू
और  सख पठान  से
 गु
फ़तगू
 श㾀
ु हो गई えकसी का घर बार जळ 耂गआ
था कोई  सरफ़ इक कमीज़ और शलवार म㾀
 भागा था えकसी के  म जत
 पाउं ुी ना थी और कोई इतना हु
शआर था えक
आपणे
 घर क टू
ट  चारपाई तक उठा लाइआ था िजन लोग  का वाकई बहु
त नक
ुसान हु
आ था वोह लोग गं

ुसं


बै
ठे । ख़ामोश 'चप
 होए थे ु चाप और िजस के छ ना हु
 पास कभी कु आ था वोह आपणी लाख  क जाइदाद खोने
 का
ग़म कर  रहा था और दस
ूर  को आपणी फ़रज़ी इमारत के  सण
 えकसे ुा सण
ुा कर मरऊब कर  रहा था और
मस
ुलमान  को गाल आं
 दे
  रहा था। बलोची  सपाह  इक परु दाज़ म㾀
 वकार अं  दरवाज  पर राइफ़ल㾀
 थाम㾀  थे
 खड़े
और कभी कभी इक दस
ूरे
 क तरफ़ कनखीओं
 से
 दे
ख कर मस
ुकरा उठते
। तकशला के शन पर मझ
 सटे ु े
बहु
त अरसे
तक ख हा र हणा पड़ा, ना जाणे
 えकस का इं
तज़ार था, शाइद आसपास के
 गाउं   हं
 से द ू
पनाहगज़ीं
 आ रहे
 थे
, जब
गारड ने
 सटे
शन मासटर से
 बार बार पछ
ूा तो उस ने
 えकहा ये
 गाड़ी आगे
 ना जा सके
गी। इक घं
टा और गु
ज़र 耂गआ।
अब लोग  ने
 अपणा सामान ख़ोरदोनोश खोळा और खाणे
 लगे
 स हमे
 स हमे
 बचे
 क हकहे
 लगाने
 लगे
 और मासम

कं
वार आं
 दर च  से
 बाहर झां
कने
 लगीं
 और बड़े
 बुहे
 हु
के
 गड़
ुगड़ाने
 लगे
। थोड़ी दे
र के
 बाद दरू  शोर सण
 से ुाई दया
और ढोल  के  क आवाज㾀
 딆匂पटणे  सण
ुाई दे
णे
 लगीं
 ।

हं
द ू
पनाह गज़ीन  का जथा आ  रहा था शाइद लोग  ने
  सर  नकाल कर इधर इधर दे
खा। जथा दरू  आ  रहा था
 से
और नाअरे
 लगा  रहा था। वकत गु
ज़रता था जथा कर ब आता 耂गआ, ढोल  क आवाज़ ते
ज़ होती गई। िजथे
 के
कर ब आते
 ह  गो लओं
 क आवाज़ कान  म㾀  आपणे
 आई और लोग  ने   सर Žखड़कओं
 से
 딆匂पछे
 हटा ल ए।ये
  हं
दओ
ूं
का जथा था जो आसपास के
 गाउं  आ  रहा था, गाउं
 से  के
 मस
ुलमान लोग इसे
 आपणी  हफ़ाज़त म㾀  थे
 ला रहे ।
चन
ुां
耂च हर इक मस
ुलमान ने
 इक काफ़र क लाश आपणे
 कं
धे
 पर उठा रखी थी िजस ने
 जान बचा कर गाउं
 से
भागने
 क को शश क थी। दो सो लाश㾀 । मजमा ने
 थीं  ये
 लाश㾀
  नहाइत इतमीनान से
 सटे
शन पहु

च कर बलोची
दसते
 के
 सपरु
द क और えकहा えक वोह उन महाजर न को  नहाइत  हफ़ाज़त से
  हं
दस
ुतान क सरहद पर ले
 जाए,
चन
ुां
耂च बलोची  सपाह ओं
 ने
  नहाइत ख़ं
दा पे
शानी से
 इस बात का िज़ं
मा  लआ और हर डबे
 म㾀दरा बीस लाश㾀
 पं
रखद  गई। इस के  हवा म㾀
 बाद मजमा ने  के
 फ़ाइर कआ और गाड़ी चलाणे  ल ए सटे
शन मासटर को हु
कम  दआ म
चलणे
 लगी थी えक えफर मझ
ु े
रोक द आ 耂गआ और मजमा के  ने
 सरग़ने   हं
द ू
पनाह गज़ीन  से
 えकहा えक दो सौ
आदमीओं
 के  जाणे
 चले  से
 उन के
 गाउं गे
 वीरान हो जाएं और उन क तजारत तबाह हो जाएगी इस ल ए वोह गाड़ी
म से
 दो सौ आदमी उतार कर आपणे
 गाउं  जाएं
 ले गे
। चाहे
 कु
छ भी हो। वोह आपणे
 मल
ुक को यंबरबाद होता हु
 ू आ
नह ं
 दे
ख सकते
। इस पर बलोची  सपाह ओं
 ने
 इन के
 फ़ हम व ज़का और उन क えफ़रासत तबा क दाद द । और
उन क वतन दोसती को सराहा। चन
ुां
耂च इस पर बलोची  सपाह ओं
 ने
 हर डबे
 से
 कु
छ आदमी  नकाल कर मजमा
के  कए। परू
 हवाले े
 दो सौ आदमी  नकाले
 गए। इक कम ना इक िज़आदा। "लाईन लगाउ काफरो," सरग़ने
 ने
えकहा। सरग़ना आपणे
 इलाका का सभ से
 बड़ा जागीरदार था।और आपणे
 लहू
 क रवानी म㾀
 मकुदस जहाद क गं


सण
ु  रहा था। काफ़र पथर के
 बत  खड़े
ु बणे  थे
। मजमा के  इनह㾀
 लोग  ने  ख हा えकआ। दो
 उठा उठा कर लाईन म㾀
सौ आदमी, दो सौ िज़ं
दा लाश㾀  सते
, 耂चहरे  होए। आं
ख㾀  तीर  क बा रश सी म हसस
 फ़ज़ा म㾀 ू करती होई। प हल
बलोची  सपाह ओं
 ने
 क। पं
दरां
 आदमी फ़ाइर से
 耂गर गए। ये
 तकशला का सटे
शन था। बीस और आदमी 耂गर
गए। यहां
 एशीआ क सभ से
 बड़ी यन
ूीवर सट  थी और लाख  ता लब­ए­इलम इस त हज़ीब ओ तमदन के  अरे
 गहु
से
 कसब फ़ै
ज़ करते
 थे
। पचास और मारे
 गए। तकशला के
 अजाइब घर म㾀  ख़ब
 इतने ूसरू
त बत  इतने
ु थे  हु
सन सं

2/7
8/17/2016

तराशी के
 नादर नमन
ूे, कद म त हज़ीब के  होए 耂चराग़। पचास और मारे
 झलमाते  गए। पस­ए­मं
ज़र म㾀
  सर कप
का म हल था और खे
ल  का असग़ी थे
टर और मील  तक फै
ले
 होए इक वसीअ श हर के डर, तकशला क
 खं
गु
ज़शता अज़मत के
 परु
  शकवा मज़हर। तीस और मारे
 गए। यहां
 क नशक ने
 हकू
मत क थी और लोग  को
अमन व आशती और हुसन व दौलत से मालामाल कआ था। पचीस और मारे
 गए। यहां
 बध
ु का नग़मा उरफ़ां
गं
जा हह यहां
ू   भकशओ
ू  ं
ने
 अमन व सुहा व आशती का दरस हयात द आ था। अब आख़र  गरोह क उजल आ
गई थी। यहां
 प हल  बार  हं
दस
ुतान क सरहद पर इसलाम का ☁चम ल हराइआ था। मस
ुावात और अख़वत और
इनसानीअत का ☁चम। सभ मर गए। अ हा अकबर। फ़रश ख़न  लाळ था।
ू से

जब म पले
टफ़ारम से
 गु
ज़र  तो मे
रे
 पाउं ल क पटर  से
 रे  えफसले
 जाते
 थे
 जै
से
 म अभी 耂गर जाऊं
गी और 耂गर कर
बाक माणदा मसाえफर  को भी ख़तम कर डालं

ूी। हर डबे
 म मौत आ गई थी और लाश㾀
 दर मआन म㾀
 रखद  गई
थीं
 और िज़ं
दा लाश  का हजम
ू चार  तरफ़ था और बलोची  सपाह  मस
ुकरा रहे
 थे
 कह ं
 कोई बचा रोणे
 लगा えकसी
बुह  मां
 ने
  ससक ल । えकसी के
 लट
ुे होए सह
ुाग ने
 आह क। और चीखती चलाती रावल딆匂पं
डी के
 फ़ारम पर आ
खड़ी होई। यहां
 से
 कोई पनाहगज़
ुीन गाड़ी म㾀 आ। इक डबे
 सवार ना हु  म चं
द मस
ुलमान नौजवान पं
दरा बीस बरु
का
पोश औरत  को लै
 कर सवार होए। हर नौजवान राइफ़ल से
 मसला था।इक डबे
 म बहु
त सा सामान जं
ग लादा
耂गआ मशीन गं
न㾀
 , और कारतस । िजहलम और गज
ू, 딆匂पसतौल और राइफ़ल㾀 ुर ख़ां
 के
 दर मआनी इलाके  मझ
 म㾀 ुे
सं
गल खच कर ख हा कर  दआ 耂गआ। म क गई। मसला नौजवान गाड़ी से
 उतरने
 लगे
। बरु
का पोश ख़वातीन ने
शोर मचाणा श㾀
ु えकआ। हम  हं
द ू
ह। हम  सख ह। हम㾀  जा रहे
 ज़बरदसती लै  ह। उनह  ने
 बरु
के  और
 फाड़ डाले
耂चलाणा श㾀
ु えकआ। नौजवान मस
ुलमान हं
सते
 होए उनह㾀   नकाल लाए। हां
 घसीट कर गाड़ी से  ये
  हं
द ू
औरत㾀
 ह,
हम इनह㾀 डी से
 रावल딆匂पं  उन के
 आराम दा घर , इन के
 ख़श
ुहाल घराण , इन के  बाप से
 इज़तदार मां  छ न कर लाए
ह। अब ये
 हमार  ह हम उन के  सलोक कर㾀
 साथ जो चाहे गे। अगर えकसी म㾀
  हं
मत है
 तो इनह㾀  छ न कर लै
 हम से
जाए। सरहद के
 दो नौजवान  हं
द ू
पठाण छलां
ग मार कर गाड़ी से
 उतर गए, बलोची  सपाह ओं
 ने
  नहाइत
इतमीनान से
 फ़ाइर कर के  ख़तम कर  दआ। पं
 इनह㾀 दरा बीस नौजवान और  नकले  मसला मस
, इनह㾀 ुलमान  के
गरोह ने
  मं
ट  म㾀
 ख़तम कर  दआ । दरअसल गोशत क द वार लोहे
 क गोल  का मक
ुाबला नह ं
 कर सकती।
नौजवान  हं
द ू
औरत  को घसीट कर जं
गळ म㾀
 लै गए म और मं
ह पा कर वहां
ू छु  से
 भागी। काळा, ख़ौफ़नाक  सआह
धं

ू  ं
मे
रे
 मं
ह   नकल  रहा था। जै
ू से से
 काइनात पर ख़बासत क  सआह  छा गई थी और सां
स मे
रे
 सीने
 म यं

अलझने
 लगी जै
से
 ये
 आहनी छाती अभी फु
ट जाएगी और अं
दर  भड़ कते
 होए लाळ लाळ शोअले
 इस जं
गळ को
ख़ाक  सआह कर डाल㾀
गे
 जो इस वकत मे
रे
 आगे
 पीछे
 फै
ला हु
आ था और िजस ने
 उन पं
दरा औरत  को चशम ज़दन
म  नगल  लआ था। लाला मस
ूा के
 कर ब लाश  से
 इतनी मक㾀ह सड़ां
द  नकलणे
 लगी えक बलोची  सपाह  इनह㾀
बाहर फ㾀
कने
 पर मजबरू
 हो गए। वोह हाथ के  से
 इशारे  इक आदमी को बल
ुाते
 और उस से
 क हते
, उस क लाश को
उठा कर यहां
 लाओ, दरवाज़े
 पर । और जब वोह आदमी इक लाश उठा कर दरवाज़े
 पर लाता तो वोह उसे
 गाड़ी से
बाहर धका दे
  दते
। थोड़ी दे
र म㾀  इक इक हमराह  के
 सभ लाश㾀  साथ बाहर फक द  गई और डब  म㾀
 आदमी कम हो
जाणे
 से
 टां
ग㾀
 फैलाणे
 क ज⺠螘हा भी हो गई। えफर लाला मस
ूा गु
ज़र 耂गआ। और वज़ीराबाद आ耂गआ। वज़ीराबाद का
मशहूर जं
कशन, वज़ीराबाद का मशहू
र श हर, जहां
  हं
दस
ुतान भर के ल ए छु
र आं और चाकू
  तआर होते
 ह।
वज़ीराबाद जहां
  हं
द ू
और मस
ुलमान सद ओं से बै
साखी का मे
ला बड़ी धम
ूधाम से मनाते
 ह और उस क ख़शुीओं
 म
इकठे
  हसा ल ते
 ह वज़ीराबाद का सटे
शन लाश  से
 पटा हु
आ था। शाइद ये
 लोग बै
साखी का मे
ला दे
खणे
 आए थे

लाश  का मे
ला श हर म धं

ू  ं
उठ  रहा था और सटे
शन के
 कर ब अं
गरे
ज़ी बड क सदा सण
ुाई

3/7
8/17/2016

 दे
 रह  थी और हजम
ू क परु
 शोर ता ळओं
 और कहकह  क आवाज㾀
 भी सण
ुाई दे
 रह  थी और हजम
ू क परु
 शोर
ताळीओं
 और कहकह  क आवाज़㾀
 भी सण
ुाई दे
 रह  थीं
। चं
द  मं
ट  म हजम शन पर आ 耂गआ। आगे
ू सटे  आगे
दहाती नाचते
 गाते
 आ रहे
 थे
 और उन के
 딆匂पछे गी औरत  का हजम
 नं गी औरत㾀
ू, मादर ज़ाद नं  , बुह , नौजवान,
बचीआं
, दाद आं
 और पोतीआं  और ब हन㾀
, माएं ट आं
 और बे , कं
वार आं
 और हामला औरत㾀  गाते
 , नाचते  होए मरद
के  म थीं
 नरगे । औरत㾀
  हं
द ू
और  सख थीं
 और मरद मस
ुलमान थे
 और दोन  ने
  मल कर अजीब बै
साखी मनाई थी,
औरत  के
 बाल खल
ुे होए थे
। उन के
 िजसम  पर ज़ख़म  के
  नशान थे
 और वोह इस तहा  सधी तन कर चल रह  थीं
जै
से
 हज़ार  कपड़  म उन के पे
 िजसम छु होण, जै
से
 उन क 㾀ह  पर सकू
न आमे
ज़ मौत के
 दबीज़ साए छा गए
होण। उन क  नगाह  का जलाल दरद 딆匂पद  को भी शरमाता था और ह ट दां
त  के दर यं
 अं भीं
 ू चे
 होए थे
 गोइआ
えकसी महे
ब लावे
 का मं
ह द कए होए ह। शाइद अभी ये
ू बं  लावा फु
ट पड़े
गा और आपणी आ तश फ़शानी से
 दन
ुीआ
को जहं
नम राज़ बणा दे
गा। मजमा से
 आवाज़㾀 दा बाद इसलाम िज़ं
 आई। पाえकसतान िज़ं दाबाद। क़ाइदे
 आज़म
मह
ुंमद अल  िजनाह िज़ं
दाबाद ।नाचते
 耂थरकते
 होए कदम परे
 हट गए और अब ये
 अजीबो ग़र ब हजम
ू डब  के
ऐन सा෡हणे
 था। डब  म बै
ठ  होई औरत  ने
 घं

ूट चा ह ल ए और डबे
 क Žखड़कआं
 यके द द गरे
 बाद बं  होणे
लगी। बलोची  सपाह ओं
 ने
 えकहा। Žखड़कआं
 मत बं
द करो, हवा कती है  बं
, Žखड़कआं द होती गई । बलोची
सपाह ओं
 ने
 बं
दक
ू  ताण ल ं
㾀 । ठाएं
,ठाएं
 えफर भी Žखड़कआं
 बं
द होती गई और えफर डबे
 म इक Žखड़क भी ना खल

रह । हां
 कु
छ पनाहगज़ीन ज़㾀र मर गए। नं
गी औरत㾀
 पनाह गज़ीन  के
 साथ  बठा द  गई।और म इसलाम
िज़ं
दाबाद और क़ाइदे
 आज़म मह
ुंमद अल  िजनाह िज़ं
दाबाद के
 नाअर  के
 दर मआन ख़सत होई। गाड़ी म㾀ठा
 बै
हु
आ इक बचा लुहकता लुहकता इक बुह  दाद  के  पछ
 पास चला 耂गआ और उस से ूणे लगा मां तमु नहा के
आई हो? दाद  ने
 आपणे
 आं
सउ
ूं  होए えकहा। हां
 को रोकते  नंहे
, आज मझ
ु े
मे
रे
 वतन के ट  ने
 बे  भाईउं  न हलाइआ
 ने
है
। तम
ुहारे
 कपड़े
 कहां
 है
 अं
मां रे
? उन पर मे सह
ुाग के
 ख़न
ू के
 छ ं
टे
 थे
 बे
टा। वोह लोग इनह㾀  के
 धोणे  ल ए लै
गे
 ह। दो
नं
गी लड़कओं
 ने
 गाड़ी से
 छलां
ग लगा द  और म चीखती चलाती आगे
 भागी। और लाहौर पहु

च कर दम  लआ।
मझ
ु े
इक नं
बर पले
टफ़ारम पर ख हा कआ 耂गआ। नं
बर 2 पले
टफ़ारम पर दस
ूर  गाड़ी खड़ी थी। ये
 अं
蔊ꖧतसर से
आई थी और इस म㾀
 मसुलमान पनाह गज़ीं
 बं
द थे
। थोड़ी दे
र के
 बाद मस
ु लम Žख़दमतगार मे
रे
 डब  क तलाशी
लै
णे
 लगे
। और ज़े
वर और नकद  और दस
ूरा कमती सामान महाजर न से
 लै
  लआ 耂गआ। इस के
 बाद चार सौ
आदमी डब  से
  नकाल कर सटे
शन पर खड़े
 कए थे
। ये
 म匩훝हब के  थे
 बकरे  えकउं
えक अभी अभी नं
बर 2 पले
टफ़ारम
पर जो मस
ु लम महाजर न क गाड़ी आकर क थी उस म㾀
 चार सौ मस
ुलमान मस
ुाफ़र कम थे
 और पचास
मस
ु लम औरत㾀  इस ल ए यहां
 अग़वा कर ल  गई थीं  पर भी पचास औरत㾀
 चण
ु चण
ु कर  नकाल ल  गई और चार
सौ  हं
दस
ुतान मसाえफर  को त ह ते
ग़ कआ 耂गआ ता えक  हं
दस
ुतान और पाえकसतान म㾀
 आबाद  का तवाज़न
बरकरार रहे
। मस
ु लम Žख़दमत गार  ने
 इक दाइरा बणा रखा था और छु
रे
 हाथ म㾀 और दाइरे
 थे  म㾀
 बार  बार  इक
महाजरान के रे
 छु क ज़द म㾀  हलाक कर  दआ जाता था। चं
 आता था और बड़ी चाबक दसती और मशाक से द
मं
ट  म㾀
 चार सौ आदमी ख़तम कर द ए गए और えफर म आगे
 चल । अब मझ
ु े
आपणे
 िजसम के  ज़रे
 ज़रे  से
  घण
आने
 लगी। इस कदर पल द और मताफ़न म हसस से
ू कर रह  थी। जै मझ
ु े
शै
तान ने
 सीधा जहं
नम से
 धका दे
 कर
पं
जाब म㾀
 भेज  दआ हो। अटार  पहु

च कर फ़ज़ा बदल सी गई। मग़
ुलपरु
ा ह  से
 बलोची  सपाह  बदले
 गए थे
 और
उन क ज⺠螘हा डोगर  और  सख  सपाह ओं
 ने
 लै
 ल  थी। ले
えकन अटार  पहु

च कर तो मस
ुलमान  क इतनी लाश㾀
हं
द ू
महाजर ने
 दे
खीं
 えक उन के
  दल फ़ु
रत मस
ुरत से
 बाग़ बाग़ हो गए। आज़ाद  हं
दस
ुतान क सरहद आ गई थी
वरना इतना हु
सीन मं
ज़र えकस तहा दे
खणे
 को  मलता और जब म अं
蔊ꖧतसर सटे
शन पर पहु

ची तो  सख  के

4/7
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नाअर  ने
 ज़मीन आसमान को गं

ूा  दआ । यहां
 भी मस
ुलमान  क लाश  के र के
 ढे र थे
 ढे  और  हं
द ू
जाट और
सख और डोगरे
 हर डबे
 म झां
क कर पछ
ूते
 थे
, कोई  शकार है  えक कोई मस
, मतलब ये ुलमान है

इक डबे म㾀
 चार  हं
द ू
व Āाहमण सवार होए।  सर घटा हु
आ, लं
बी चोट , राम नाम क धोती बां
धे
, हर दवारका सफ़र
कर रहे
 थे। यहां हर डबे
 म आठ दस  सख और जाट भी बै ठ गए, ये
 लोग राइफ़ल  और बलम  से  मसला थे और
मशरक पं
जाब म㾀
  शकार क तलाश म जा रहे
 थे
। उन म㾀
 से इक के
  दल म कु
छ शु
हा सा हु
आ। उस ने
 इक
Āाहमण से
 पछ
ूा । Āाहमण दे
वता えकधर जा रहे
 हो? हर दवार। तीरथ करने
। हर दवार जा रहे
 हो えक पाえकसतान
जा रहे
 हो। मीआं
 अ हा अ हा करो। दस
ूरे
 Āाहमण के
 मं
ह   नकला। जाट  हं
ू से सा, तो आओ अ हा अ हा कर ं

औनथा  सहां
,  शकार  मल 耂गआ भई आओ रह दा अ हा बै
ल  करए। इतना क ह कर जाट ने
 बलम नकल
Āाहमण के  म㾀
 सीने  मारा। दस
ूरे
 Āाहमण भागने
 लगे
। जाट  ने
 इनह㾀
 पकड़  लआ। इसे
 नह ं
 Āाहमण दे
वता, ज़रा
डाकटर  माअना कराते
 जाओ। हर दवार जाणे
 से
 प हले
 डाकटर  माअना बहु
त ज़㾀र  होता है
। डाकटर  मआ
ु इने
 से
मरु
ाद ये
 थी えक वोह लोग ख़तना  दखते
 थे
 और िजस के आ होता उसे
 ख़तना हु  वह ं
 मार डालते
। चार  मस
ुलमान
जो Āाहमण का 㾀प बदल कर आपणी जान बचाने
 के
 ल ए भाग रहे
 थे
। वह ं
 मार डाले
 गए और म आगे
 चल ।
रासते
 म इक ज⺠螘हा जं
गळ म मझ
ु े
ख हा कर  दआ 耂गआ और महाजर न और  सपाह  और जाट और  सख सभ
नकल कर जं
गळ क तरफ़ भागने
 लगे
। म ने
 सोचा शाइद मस
ुलमान  क बहु
त बड़ी फ़ौज उन पर हमला करने
 के
ल ए आ रह  है
। इतने
 म えकआ दे
खती हू

 えक जं
गळ म㾀 त सारे
 बहु  मस
ुलमान मज़ारा आपणे
 बीवी बच  को ल ए छपे
बै
ठे
 ह।  सर  असत अकाल और  हं
द ू
धरम क जै
 के
 नाअर  क गं
ज  जं
ू से गळ कां
प उठा, और वोह लोग नर गे
 म㾀
 लै
ल ए गए। आधे
 घं
टे
 म सभ सफ़ाइआ हो 耂गआ। बढ
ुे, जवान, औरत㾀  सभ मार डाले
 और बचे  गए। इक जाट के ज़े
 ने
पर इक नंहे बचे
 क लाश थी और वोह उस से
 हवा म घम
ुा घम
ुा कर क ह  रहा था। आई बै
साखी। आई बै
साखी
़़
जटा लाए है ।
 है

जलं
धर से
 इधर पठान  का इक गाउं  पर गाड़ी रोक कर लोग गाउं
 था। यहां  म घस
ु गए।  सपाह  और महाजर न
और जाट पठान  ने
 मक
ुा बल えकआ। ले
えकन आŽख़र म मारे
 गए, बचे
 और मरद हलाक हो गए तो औरत  क बार
आई और वह ं
 इसी खल
ुे
 मै
दान म जहां
 गे
हू

 के
 ख लआण लगाए जाते
 थे
 और सरस  के ल मस
 फू ुकराते
 थे
 और
ग़फ़
ुत मआब बीबीआं
 आपणे
 ख़ावं
द  क  नगाह शौक क ताब ना लाकर कमज़ोर शाख  क तहा झु
क झु
क जाती
थीं
। इसी वसीअ मै
दान म जहां
 पं
जाब के  ह र रां
 दल ने झ े
और सोहणी मह ं
वाल क लाफ़ानी उलफ़त के  गाए
 तराने
थे
। इनह㾀
 शीशम, सरस और पीपल के
  ख़त  तळे
 वकती चकले
 आबाद होए। पचास औरत㾀 च सौ ख़ावं
 और पां द,
पचास भे
ड़㾀 च सौ कसाब, पचास सोहणीआं
 और पां  और पां
च मह ं
वाल, शाइद अब चनाब म㾀
 कभी त耂ु
ग़आनी ना
आएगी। शाइद अब कोई वा रस शाह क ह र ना गाएगा। शाइद अब  मरज़ा सा हबान क दासतान उलफ़त व
अफ़त उन मै
दान  म㾀
 कभी ना गं

ूेगी। लाख  बार लाहनत हो इन राहनमाओं
 पर और उन क सात पश
ुत  पर,
िजनह  ने
 इस ख़ब
ूसरू
त पं
जाब, इस अलबे
ले
 딆匂पआरे
, सन
ुहरे
 पं
जाब के कड़े
 टु  टु
कड़े
 कर द ए थे
 और उस क
पाकज़ा 㾀ह को ग हणा द आ था और उस के
 मज़बत
ू िजसम म㾀 जाब मर 耂गआ
 नफ़रत क पीप भरद  थी, आज पं
था, उस के  गं
 नग़मे ग
ुे हो गए थे
, उस के
 गीत मरु
दा, उस क ज़बान मरु
दा, उस का बे
बाक  नडर भोळा भाला  दल
मरु
दा, और ना म हसस  होए और आं
ू करते ख और कान ना रखते
 होए भी म ने
 पं
जाब क मौत दे
खी और ख़ौफ़ से
और है
रत से
 मे
रे
 कदम इस पटर  पर क गए। पठाण मरद  और औरत  क लाश㾀
 उठाए जाट और  सख और डोगरे
और सरहद   हं
द ू
वापस आए और म आगे
 चल । आगे
 इक न हर आती थी ज़रा ज़रा वकफ़े
 के
 बाद म कद  जाती,
िजउं
 ह  कोई डबा न हर के
 पळ  गु
ु पर से ज़रता, लाश  को ऐन नीचे
 न हर के  耂गरा  दआ जाता। इस तहा
 पाणी म㾀
5/7
8/17/2016

जब हर डबे
 के  के
 कने  बाद सभ लाश㾀  दे
 पाणी म 耂गरा द  गई तो लोग  ने सी शराब क बोतल㾀
 खो ह ं
 और म ख़न

और शराब और नफ़रत क भाप उगलती होई आगे
 ब ह । ल耂ु
धआणा पहु

च कर लट
ुेरे
 गाड़ी से
 उतर गए और श हर
म㾀  मस
 जा कर उनह  ने ुलमान  के ं
ड  नकाला। और वहां
 महल  का पता ढू  हमला कआ और लट
ू मार क और माल
ग़नीमत आपणे
 कं
ध  पर लादे
 होए  तं
न चार घं
ट  के शन पर वापस आए जब तक लट
 बाद सटे ू मार ना हो चक
ु।
जब तक दस बीस मस
ुलमान  का ख़न
ू ना हो चक
ुता। जब तक सभ महाजर न आपणी नफ़रत को आलद
ूा ना कर
ल ते
 मे
रा आगे
 बड़ना दश
ुवार えकआ नामम
ुえकन था, मे
र  㾀ह म इतने
 घाउ थे
 और मे
रे
 िजसम का ज़रा ज़रा गं
दे
नापाक ख़न
ूीओं
 के  इस तहा रच 耂गआ था えक मझ
 कहकह  से ु े
ग़स
ुल क शद द ज़㾀रत म हसस えकन मझ
ू होई। ले ुे
मलम
ू था えक इस सफ़र म कोई मझ
ु े
नहाने
 ना दे
गा। अं
बाला सटे
शन पर रात के रे
 वकत मे इक फ़सट कलास के
डबे
 म इक मस
ुलमान  डपट  क मशनर और उस के  सवार होए। इस  डबे
 बीवी बचे  म इक सरदार सा हब और उन
क बीवी भी थे  के
, फ़ौिजओं  प हरे
 म मस
ुलमान  डपट  क मशनर को सवार कर  दआ 耂गआ और फ़ौिजओं
 को उन
क जान व माल क सख़त ताकद कर द  गई। रात के  म अं
 दो बजे बाले
 से
 चल  और दस मीळ आगे
 जा कर रोक
द  गई। फ़रसट कलास का डबा अं
दर से
 बं
द था। इस ल ए Žखड़क के  तोड़ कर लोग अं
 शीशे दर  घस
ु गए और
डपट  क मशनर और उस क बीवी और उस के  छोटे
 छोटे  बच  को कतल कआ 耂गआ,  डपट  क मशनर क इक
नौजवान लड़क थी और बड़ी ख़ब
ूसरू
त, वोह えकसी कालज म㾀
 प हती थी। दो इक नौजवान  ने
 सोचा इसे
 बचा
ल आ जाए। ये
 हु
सन, ये
 रोनाई,ये
 ताज़गी ये
 जवानी えकसी के । इतना सोच कर उनह  ने
 काम आ सकती है  जलद
से
 लड़क और ज़े
वरात के भाला और गाड़ी से
 बकस को सं  उतर कर जं
गळ म㾀  गए। लड़क के
 चले  हाथ म㾀
 इक
えकताब थी। यहां
 ये
 कानफ़रं
स श㾀
ु होई えक लड़क को छोड़ द आ जाए या मार द आ जाए। लड़क ने
 えकहा। मझ
ुे
मारते
 えकउं
 हो? मझ
ु ेहं
द ू
कर लौ। म तम
ुहारे
 मज़हब म㾀 ं
। तम
 दाख़ल हो जाती हू  कोई इक मझ
ु म से   बआह कर
ु से
ले
। मे
र  जान लै
णे
 से
 えकआ फ़ाइदा! ठ क तो क हती है रे
, इक बोळा। मे Žख़आल म㾀
 , दस
ूरे
 ने
 क㹜ᎂहा कलाम करते
होए और लड़क के ट म छु
 पे रा घ पते
 होए えकहा। मे
रे
 Žख़आल म उसे
 ख़तम कर दे
णा ह   बहतर है
। चलो गाड़ी म㾀
वापस चलो। えकआ कानफ़रं
स लगा रखी है
 तम । लड़क जं
ु ने गळ म㾀
 घास के
 फ़रश पर तड़प तड़प कर मर गई।उस
क えकताब उस के
 ख़न  तरबतर हो गई।えकताब का उनवान था इशतराकअत अमल और फ़लसफ़ा इज़ जान
ू से
सटरै
टजी।वोह ज़ह न लड़क होगी।उसके
  दल म㾀  मल
 आपणे ुको कौम क Žख़दमत के  होणगे
 इरादे । उस क 㾀ह म㾀
えकसी से
 मह
ुबत करने , えकसी के
, えकसी को चाहने  लग जाणे
 गले  को दध
, えकसी बचे  का जज़बा होगा। वोह
ु 딆匂पलाने
लड़क थी, वोह मां
 थी, वोह बीवी थी, वोह म हबब
ूा थी। वोह काइनात क तख़ल क का मक
ुदस राज़ थी और अब
उस क लाश जं
गळ म㾀 गे
 पड़ी थी और 耂गदड़, 耂गध और कऊए उस क लाश को नोच नोच कर खाएं।
इशतराकअत, फ़लसफ़ा और अमल व हशी द रं
दे
 इनह㾀  थे
 नोच नोच कर खा रहे  और कोई नह ं
 बोलता और कोई
आगे
 नह ं
 ब हता और कोई अवाम म㾀
 से इनकलाब का दरवाज़ा नह ं
 खोलता और म रात क तार क आग और
शरार  को छु
पाके  बड़ा रह  हू
 आगे ं
 और मे
रे
 डब  म लोग शराब पी रहे
 ह और महातमा गां
धी के कारे
 जै  बल
ुा रहे
 ह।
इक अरसे
 के बई वापस आई हू
 बाद म बं ं  मझ
, यहां ु े
न हला धल
ुा कर शै
ड म㾀
 रख  दआ 耂गआ है
। मे
रे
 डब  म㾀
 अब
शराब के  नह ं
 भपारे  ह, ख़न
ू के
 छ ं
टे
 नह ं
 ह, व हशी ख़न
ूी क हकहे
 नह ं
 ह मगर रात क तनहाई म㾀
 जैसे
 भत
ू जाग
उठते
 ह मरु
दा 㾀ह㾀दार हो जाती ह और ज़ख़मीओं
 बे  क चीख़㾀
 और औरत  के
 बीन और बच  क पक
ुार, हर तरफ़
えफज़ा म गं

ूने
 लगती है
 और म चाहती हू

 えक अब मझ
ु े
कभी कोई इस सफ़र पर ना ले
 जाए। म इस शै
ड से
 बाहर
नह ं
  नकलणा चाहती हू

 えक अब मझ
ु े
कभी कोई इस सफ़र पर ना ले
 जाए। म इस शै
ड से
 बाहर नह ं
  नकलणा
चाहती, म उस खोफ़नाक सफ़र पर दब
ुारा नह ं
 जाणा चाहती, अब म उस वकत जाऊं
गी। जब मे
रे
 सफ़र पर दो
तरफ़ा सन
ुहरे
 गे
हू

 के
 ख लआण ल हर आएं
गे
 और सरस  के ल झू
 फू म झू
म कर पं
जाब के  उलफ़त भरे
 रसीले  गीत
6/7
8/17/2016

गाएं
गे
 और えकसान  हं
द ू
और मस
ुलमान दोन   मल कर के त काट㾀
 खे गे। बीज बोएं
गे
। हरे
 हरे
 खे
त  म㾀
 ग़लुाई कर㾀
गे
और उन के
  दल  म  महरो वफ़ा और आं
ख  म शरम और 㾀ह  म औरत के
 ल ए 딆匂पआर और मह
ुबत और इज़त का
जज़बा होगा। म लकड़ी क इक बे
 जान गाड़ी हू

 ले
えकन えफर भी म चाहती हू

 えक इस ख़न
ू और गोशत और नफ़रत
के  मझ
 बोझ से ु े
ना लादा जाए। म क हत ज़दा इलाक  म㾀
 अनाज ढोऊं
गी। म कोइला और ते
ल और लोहा ले
 कर
कारखान  म㾀
 जाऊं
गी म えकसान  के
 ल ए नए हल और नई खाद मह
ुईआ क㾀ं
गी। म आपणे
 डब  म えकसान  और
मज़दरू को ख़श
ुहाल टोल आं
 लै
 कर जाऊं
गी, और बाअसमत औरत  क  मठ   नगाह㾀  मरद  का  दल
 आपणे
टटोल रह  ह गी। और उन के चल  म㾀
 आं  नंहे
 मन
ुे ख़ब
ूसरू
त बच  के  कं
 耂चहरे वल के ल  क तहा नज़र आएं
 फू गे
और वोह इस मौत को नह ं
 बलえक आने
 वाळी िज़ं
दगी को झु
क कर सलाम कर㾀
गे। जब ना कोई  हं
द ू
होगा ना
मस
ुलमान बलえक सभ मज़दरू  और इनसान होणगे
 होणगे

        
शीष呈挤
 पर जाएँ

7/7

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