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:::: सामा य ान संह ::::

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HINDI, MATHEMATICS IN HINDI, REASONING IN HINDI (सामा य ान, करट अफेयस, भौ तक व ान, रसायन
व ान, जीव व ान, क यू
टर, इ तहास, भू
गोल, ग णत, रीज नग)

24/04/2015

रसायन व ान

क त:
कृ
*रसायन व ान, व ान क वह शाखा है
; जसके
अंतगत पदाथ के
गुण, सं
घटन, सं
रचना तथा उसमे
होने
वाले
प रवतन का
अ ययन कया जाता है|

*लै |
वा सए को रसायन व ान का जनक कहा जाता है
* सूम (छोटे
-छोटे
) कण सेमलकर बना है
, ज हे अणु
कहतेह, अणु परमाणु सेमलकर बनतेह तथा वतंअव था मे
रह सकते ह|
*अणु सदै
व ग तशील अव था म रहते
ह अथात् |ताप बढाने
इनम ग तज ऊजा होती है से |
इनक औसत ग तज ऊजा बढ जाती है
*कण क ग त को ाउनी ग त कहते ह | 
*संघनन: कसी पदाथ के वा प सेव अव था म प रवतन होने क या को सं
घनन कहते ह|
*ऊ वपातन: कु छ पदाथ जैसे आयोडीन, कपू र, अमो नया, लोराइड या नौसादर आ द साधारण ताप पर ही ठोस अव था से सीधे
वा प अव था म प रव तत हो जाते ह, इस या को ऊ वपातन कहते ह|
*त व वे मूल पदाथ ह जनमे एक ही कार के परमाणु होतेह | वतमान मे 117 त व ात ह |  
*हीरा तथा े फाइट भी त व ह, ये दोन काबन के अप प ह |
*त व क ठोस, व तथा गै स तीन अव था म पाये जाते ह | उदाहरण: सो डयम तथा काबन त व ठोस ह, पारा और ोमीन
व ह, हाइ ोजन और आ सीजन गै सह|
*पारा ही केवल ऐसा धा वीय त व है जो साधारण ताप पर व अव था म पाया जाता है |
*हाइ ोजन सबसे ह का त व हैजसका माणुमां क 1 है | 
*जल तीन भौ तक अव था म रह सकता है |
*जल (H2O) एक यौ गक है | यह हाइ ोजन तथा आ सीजन के मान के अनुसार 1:8 केन त अनु पात म रासाय नक संयोग
सेबना है अथवा जल मे परमाणु - मां क 1 तथा 8 के परमाणु संया के अनुसार न त अनु पात 2:1 मे
पायेजातेह|
*काबन डाई आ साइड का अणु - सूCO2 है , यह एक यौ गक है |
*साधारण नमक (सो डयम लोराइड) भी एक यौ गक है | यह सो डयम और लोरीन के एक-एक परमाणुके पर पर संयोग से
बना है| इसका अणु -सूNaCl है |
*वायु आ सीजन, नाइ ोजन, काबन डाई आ साइड, आगन,तथा जल वा प इ या द का म ण है |
*बा द पोटै ट (शोरा), गं
शयम नाइ े |
धक तथा चारकोल का म ण है
*पीतल तां(कापर) और ज ते
बे ( जक) का म ण है |
*पारा व धातुएवंत व तीन है|
*ढला आ लोहा, बफ, ए ट मनी, पीतल आ द गलने पर आयतन म सकु डते ह| 
*सां
चेम केवल वे
पदाथ ढाले जा सकते ह जो ठोस बनने पर आयतन मे बढते ह, य क तभी वेसां
चे केआकार को पू
णतया ा त
कर सकते ह|
*चां
द एवं सोने
क मुाएं ढाली नह जाती,केवल मुहर लगाकर बनाती ह |
* म धातु का वणां क उ हेबनाने
वाले पदथ के गलनांक से , य क अशु याँ
कम होता है डाल दे
नेसे
पदाथ का गलनां

घट जाता है
* वथनांक जतना कम होगा, वा पन क या उतनी ही अ धक ते जी केसाथ होगी |
* व केपृपर वायु का दाब जतना ही कम होगा वा पन उतनी ही ते
जी के साथ होगा |
*वह नयत ताप जस पर कोई व उबलकर व अव था से वा प क अव था म प रव तत हो जाए तो वह नयत ताप व का
वथनांक कहलाता है|
*दाब बढानेपर व का वथनां क बढ जाता है,तथा दाब घटानेसेव का वथनां |
क घट जाता है

परमाणु
  सं
रचना:
*परमाणु: यह त व का वह छोटा सेछोटा कण है , जो कसी भी रासाय नक अ भ या मे भाग ले
सकता है परं
तुवतंअव था म
नह रह सकता है |
*अणु: त व तथा यौ गक का वह छोटा से छोटा कण जो वतंअव था मे , अणु
रह सकता है कहालाता है|
*परमाणु भार: यह द शत करता हैक त व का एक परमाणु काबन-12 के परमाणुके 1/12 भाग मान अथवा हाइ ोजन के
1.008 भाग मान सेकतना गु |
ना भारी है
*परमाणु मां क: कसी त व के परमाणु के ना भक मे उप थत ोटान क संया को परमाणुमां क कहते ह|
* मान संया: कसी परमाणु केना भक मेउप थत ोटान एवंयूान क संया का योग उस परमाणु क मान
संया कहती ह  |
*आधु नक परमाणुस ां त केअनु , यह तीन कार के
सार परमाणुवभा य है मू
ल कण इले ान, ोटाँ
न तथा यू
टान सेमलकर
बनता है| परमाणुको इन कण मेवभा जत कया जा सकता है |
*ही लयम एक न य त व है |
*इले ान:यह परमाणु का सबसे , जसका
ह का अवयवी कण है के मान का लगभग 1/1840
मान हाइ ोजन परमाणु
| यह ऋण आवे
होता है श वाला होता है श -1.6x10-19 कू
| इसका आवे , जो कृ
लाम होता है त मे
उपल ध सबसे
कम आवे | 
श है
* ोटान: यह धन आवे
शत कण होता है श +1.6x10-19 कू
, जसका आवे | ोटान का
लाम होता है मान हाइ ोजन परमाणु
के
मान केलगभग बराबर होता है |
* यूान:इसका मान ोटान के मान के लगभग बराबर (कु छ ही अ धक) होता है | यह उदासीन कण है, अथात इसका
व ुत आवेश शू य होता है|
*परमाणु का धन आवे शत भाग उसके क मेअ यंत सूम थान मे , तथा परमाणु
होता है का मान भी इसी क य भाग मे
, जसे
न हत होता है ना भक कहते ह|
*ना भक क सं रचना: ना भक क रचना ोटान तथा यूान से होती है| ना भक का मान ोटान तथा यूान पर नभर करता
, जब क ना भक का धनावे
है श के
वल ो ान के | ना भक मे
कारण होता है उप थत सभी मू ल कण को यूलआन कहते ह |   
* कसी त व के परमाणु के ना भक मे उप थत ोटान क संया को उस त व का परमाणुमां क कहते ह | कसी त व के
गुण
धम उसके परमाणुमां क पर ही नभर करता है|
*परमाणुमां क (Z)=ना भक पर धन आवे शत इकाइय क संया
                          =ना भक मेउप थत ोटान क संया
                          =क ा मे उप थत इले ान क संया 
* कसी त व के ना भक मे उप थत ोटान एवंयूान क कु ल संया को मान संया कहतेह|
* मान संया त व का मौ लक गु ण नही होता है| एक ही त व केभ भ परमाणु क मान संयाएं भ भ हो
सकती हैज हे सम था नक कहते ह, तथा भ भ त व के परमाणु क मान संयाएंसमान हो सकती ह ज हे
समभारी कहते ह|
*परमाणु सामा य अव था मेव ु त- उदासीन होता हैअत: परमाणु मेधनावे
श एवंऋणावेश क मा ाएंसमान होती ह,
अथात् परमाणुमां क (Z) = ोटान क संया = इले ान क संया
*बोर का परमाणु माडल : बोर केपरमाणु रचना के अनुसार इले ान ना भक केचार ओर कुछ न त क ा म ही प र मा
कर सकते ह; ज हेथाई क ा कहते ह | ना भक सेार भ करके इन क ा को (ऊजा तर ) को 1,2,3,4.....आ द अं
को
अथवा K,L,M,N….. आ द अ र सेद शत करते ह | 1,2,3,4.... आ द अं
को को क ा क मुय वांटम संया कहते है
और इसे
n सेन पत करते ह | पहली क ा मेप र मा करने वाले इले ान क ऊजा सबसे | 
कम होती है
*परमाणुवतरण क बोर-बरी योजना :
इले ान क अ धकतम संया 2n2 हो सकती है
1. कसी कोश मे |
2.परमाणुकेब तम कोश मेअ धक से अ धक 8 इले ान रह सकते ह|
3.बा तम कोश मे8 इले ान हो जाने
केबाद अगला इले ान नये कोश मेवेश करता है|
4.बा तम कोश मे2 सेअ धक तथा उसके पहलेवालेकोश मे9 से अ धक इले ान तब तक नह हो सकते
जब तक क इससे
भी पहलेवालेकोश मेनयम 1तथा नयम 2 के अनु
सार अ धकतम इले ान पू न हो जाय |
रे

रे
डयोए टवता:
*रे
डयो ऐ टवता क खोज हे नरी बे
करे
ल नेक |
* ाकृतक प से पायेजानेवाले रे
डयोऐ टव त व वे ह जनका परमाणुमां क 83 से अ धक (वतमान मे
84 से
92) ह | इनमे
पोलो नयम (84), रेडान (86), रे
डयम (88), थो रयम (90) तथा यू नयम (92) मु
रे खह|
*अ फा करण धनावे शत, बीटा करण ऋण आवे शत, एवं गामा करण उदासीन होती ह |
*आइरीन यू री तथा उनके प त जो लयो यूरी नेकृ म रे डयो ऐ टवता क खोज क |
*गामा करण क बे धन मता ब त अ धक होती है , यह बीटा कण क अपेा 100 गु ना तथा अ फा कण क अपेा 10000
गु | 
नी होती है
*गामा करण क वे धन मता x करण क बे धन मता से
भी अ धक होती है| गामा करण लोहेक 30 से
मी मोटाई तक को
पार कर सकती ह |
*गै
स के आयनन क मता अ फा कण मे सबसेअ धक तथा गामा कण मेसबसे |
कम होती है
*अ फा करण क चाल सबसे कम तथा गामा करण क चाल सबसे अ धक लगभग काश के चाल के
बराबर होती है|
*गामा करण उ च ऊजायु व ु त चु ग होती ह |
बक य तरं
*रे
डयोऐ टव वघटन मे ना भक एक बार मे |
अ फा या बीटा कण तथा गामा फोटान का उ सजन करता है
*रे
डयोऐ टवता से ना भक का परमाणुमांक एवं मान बदल जाता है |

रसायन क भाषा एवं ध:


रासाय नक बं
* कसी त व का तीक उस त व के
परमाणु |
को द शत करता है
कुछ मु ख यौ गक सू:

जल H2O
काबन-डाई-आ साइड CO2
स फर-डाई-आ साइड SO2
सो डयम लोराइड (साधारण नमक) NaCl
काब नक अ ल H2CO3
स रक अ ल (गं
यू धक अ ल) H2SO4
का टक सोडा NaOH
पोटै ट (शोरा)
शयम नाइ े KNO3
पोटै ट (लाल दवा)
शयम परमगने KMnO4
कैशयम हाइ ा साइड (बु
झा चू
ना) Ca(OH)2
ट (ख डया)
कैशयम काब ने CaCO3
अमो नया NH3
अमो नया लोराइड (नौसादर) NH4Cl
हाइ ो लो रक अ ल (नमक का अ ल) HCl
नाइ क अ ल (शोरे
का अ ल) HNO3
ट (धावन सोडा)
सो डयम काब ने Na2CO3
ट (खाने
सो डयम बाई काब ने का सोडा) NaHCO3
स वर नाइ े
ट AgNO3
ट (तु
कापर स फे तया) CuSO4
फटकरी या पोटै
शयम ऐलु
म नयम स फे
ट K2SO4.Al(SO4)3.H2O
ए स टक ए सड CH3COOH
मे
थे
न CH4
ए थलीन अथवा एथीन C2H4

*जल के
एक अणु
मेहाइ ोजन के
दो परमाणु
और आ सीजन का एक परमाणु |
उप थत होता है
*जल मे मान के अनुसार 2 भाग हाइ ोजन, 16 भाग आ सीजन के साथ संयु होता है|
* कसी त व का एक परमाणु हाइ ोजन केजतने परमाणु से सं , वह उस त व क सं
योग करता है |
योजकता कहलाती है
*नाइ ोजन गै
स तथा हाइ ोजन गैस संयोग करके स बनाती ह |
अमो नया गै
* क वन: वशे ष कार के सू म जीव क उप थ त मे कई काब नक यौ गक नये यौ गक मे प रव तत हो जातेह; इस या को
क वन कहते ह | उदाहरण:
1. ध का ख ा होना                                         2. सरका का बनना
3. ध से दही का बनना                                     4.दही सेगध का आना
5.मृत अवशेष का सडना
*भौ तक प रवतन :वह प रवतन जसमे पदाथ के भौ तक गु ण जै - रं
से ग, प, अव था और घन व आ द बदल जाते ह, कतु
पदाथ के मान, सं घटन एवं आण वक सं रचना मे कोई प रवतन नह होता उसे भौ तक प रवतन कहते ह | इसमेअणु क
व था बदल जाती है | 
*रासाय नक प रवतन: वह प रवतन जसम पदाथ के रासाय नक सं घटन एवंआण वक सं रचना म प रवतन हो जाने केकारण
उसके भौ तक और रासाय नक गु ण मे प रवतन हो जाता है , रासाय नक प रवतन कहलाता है |
* जन त व के परमाणु के अं तम कोश मे इले ान क संया 8 होती है उनके इले ा नक व यास को थाई इले ा नक
व यास कहते ह|
*ही लयम को छोड कर अ य सभी अ य गै स क बा तम् क ा म 8 इले ान होते ह | ही लयम मे इले ान क संया 2 होती
है|
* कसी परमाणु
का तीक X है
, इसके ारा 2 इले ान हण कये पर बना आयन X2-  होगा |
जाने
*धनायन इले ान यागने
से , तथा ऋणायन इले ान हण करने
बनता है से |
बनता है
*सह-संयोजक बं ध इले ान के |
साझा ारा बनता है
*रासाय नक अ भ या मे सम त अ भकमक का स पू ण मान, सम त उ पाद केस पू
ण मान के |
बराबर होता है
अथात कसी भी रासाय नक अ भ या मे मान का रण नही होता है |
* कसी भी रासाय नक अ भ या मे पदाथ न तो न कया जा सकता है , इसे
और न ही उ प कया जा सकता है ही
संर ण या क अ वना शता का नयम कहते ह|
* कसी भी पदाथ के
एक ाम अणु , इस संया को आवे
म अणु क संया समान होती है ह|
गा ो संया कहते
*मोल पदाथ क मा ा का एस. आई. मा क है
|

अ ल, ार, लवण तथा काब नक रसायन :


* ारकता अ ल का गु |
ण होता है
*अ लता ारक का गु |
ण होता है
* कसी घोल का PH मान 7 से |
कम हो तो वह अ लीय होता है
* कसी घोल का PH मान 7 से
अ धक हो तो वह ारीय होता है|
* कसी घोल का PH मान 7 के
बराबर या शू |
य हो तो वह उदासीन होता है
*वषा केजल का PH मान 5.6 से
कम हो जाता  है |
तो वह अ लीय वषा कहलाती है
* लटमस पेपर अ लीय वलयन म नीला तथा ारीय वलयन म लाल हो जाता है |
*खाना पचानेमेHCL अ ल का उपयोग होता है |
*नाइ क अ ल का योग सोना एवं चां
द के शु करण मे |
होता है
*कपडे सेजं
ग के ध बे हटाने
केलये आ जै |
लक अ ल का योग कया जाता है
*वै
सा भ म जो जल मेवले य हो ार कहलाता है |
*खानेका सोडा या सो डयम बाई-काब ने
ट पे
ट क अ लीयता को र करने
मेएवं |
अ न शामक यं मेयोग कया जाता है
*पोटै
शयम नाइ ेट का उपयोग बा द बनाने |
म होता है
*कै शयम हाइ ोआ साइड का उपयोग :
1.घर मे चू
ना पोतनेम
2.गारा एवंला टर बनाने

3. ल चग पाउडर बनाने म
4.चमडा के उपर बाल साफ करने

5.जल को मृबनाने म
6.अ ल सेजलने पर मरहम प करनेम
*का टक सोडा या सो डयम हाइ ोआ साइड का उपयोग :
1.साबु
न बनाने

2.पेो लयम साफ करने

3.दवा बनाने

4.कपडा एवंकागज बनाने

5.कारखान को साफ करने

*स फर डाईआ साइड का उपयोग :
1.बफ बनाने

2. शीतक के प म
3.ऊन, रे
शम आ द के रं
ग उडाने

4.चीनी को रं
ग हीन एवं
शु करने |
मेकया जाता है
*अमो नया का उपयोग :
1.ऊवरक बनानेम
2.अ ुगै
स बनानेम
3. व फोटक बनानेम
4.कृ म रे
शम बनाने म
*बे कग सोडा (खाने का सोडा)या सो डयम बाई काब ने
ट का उपयोग:
1.अ न शामक यं मे
2.बे
करी उ ोग म
3. तकारक के प म
4.सोडा वाटर बनाने

5.शीतल पे
य बनानेम
6.डबल रोट बनानेम
*नौसादर या अमो नयम लोराइड का उपयोग :
1.रं
गाई तथा टग म
2.ऊवरक तथा अमो नया केनमाण म
3.औष ध नमाण म
*पोटाश फटकरी या पोटै
शयम ऐलु ट का उपयोग :
म नयम स फे
1.जल को शु करनेम
2.कपडे क रं
गाई म
3.चमडा उ ोग म
4.दाढ बनाने
के बाद कटेथान पर धर रोकने

5.जीवाणुनाशक तथा आं
ख क दवा बनाने

*मे न का उपयोग :
थे
1. लोरोफाम बनाने

2.टायर एवं |
पट केनमाण म होता है
*ए थलीन अथवा एथीन का उपयोग :
1.म टड गैस बनाने

2. न ेतक के प म
3.क चे फल को पकाने तथा उनकेसंर णम
4.सं े षत रबड तथा पालीथीन बनाने |
म होता है
*आयोडीन का उपयोग :
1. कटाणुनाशक के प म
2.औष ध उ पादन के म
3.रं
ग उ ोग म
*स फर का उपयोग :
1. कटाणुनाशक के प म
2.बा द बनानेम
3.औष ध के प म
*फा फोरस का उपयोग :
1.लाल फा फोरस का उपयोग दयासलाई बनानेम
2. े
त फा फोरस का उपयोग चू
हा मारने
क दवा बनाने

* ो ू स का उपयोग :
सर गै
1.भ गम करने म
2.स तेधन के प म
3.धातुन कषण म
*वाटर गै
स का उपयोग :
1. धन के प म
2.वेडंग के
काय म
*कोल गै स का उपयोग :
1. धन के प म
2. न य वातावरण तै यार करने

*काबन डाई-आ साइड का उपयोग :
1.सोडा वाटर बनाने

2.आग बु झानेम
3.हाड ट ल केनमाण म
* ेफाइट का उपयोग :
1.इले ोड बनाने म
2. टोव क रं
गाई म
3.लोहेसेबनेपदाथ पर पा लश म
*हीरा का उपयोग :
1.आभू षण नमाण म
2.कां
च काटनेम
*ए यु म नयम स फेट का उपयोग :
1.कागज उ ोग म
2.कपड क छपाई म
3.आग बु झाने

*मरकरी का उपयोग :
1.थमामीटर बनाने

2. स र बनाने

* ली चग पाउडर का उपयोग :
1.क टनाशक के प म
2.कागज तथा कपड केवरंजन म
3. लोरोफाम के उ पादन म
*कै शयम काब ने ट का उपयोग :
1.चूना बनाने

2.टू
टपे ट बनानेम
3.सीमट बनाने म
*कापर का उपयोग :
1. बजली के तार बनानेम
2.बतन बनाने म
*भारी जल का उपयोग यूलीयर त या मे |
होता है
*हाइ ोजन का उपयोग अमो नया के उ पादन मे होता है|
* व हाइ ोजन का उपयोग राके ट धन मे होता है|
*पोटैशयम परमैनेट का उपयोग जल को क टाणु र हत करने म कया जाता है | इसे
लाल दवा के
नाम से |
भी जाना जाता है
*म नीज पात का उपयोग हे लमेट तथा अभे तजोरी बनाने मेकया जाता है |
*कोबा ट पात का योग चु बक बनाने म कया जाता है |
*ओजोन आ सीजन का एक अप प है , यह सू
य से आने वाली पराबै
गनी करण को कम करती है |
*नाइ ोजन का उपयोग वहांकरते ह जहांकसी न य गै स क आव यकता होती है |
* व नाइ ोजन का उपयोग जै व पदाथ केलए शीतक के प म, भो य पदाथ को जमाने एवंन न ताप पर श य च क सा के
लए कया जाता है|
*दलहनी पौध क जड मे राइजो बयम नामक जीवाणु पाए जातेह, जो नाइ ोजन थ रकरण म भाग ले तेह|
*फा फोरस ाणी तथा बन प त पदाथ का आव यक अवयव है, यह ह य तथा जीव को शका (DNA)म उप थत होता है |
*भारी जल 3.8C  पर जमता है
|
*अ थायी कठोरता : जल क अ थायी कठोरता उसमेकैशयम और मैन शयम के बाई काब नेट घु
ले
रहने
केकारण होता है |
इस कठोरता को जल को उबालकर एवंबू
झा चू
ना अथवा धया डालकर र कया जा सकता है |
* थायी कठोरता : जल क थाई कठोरता उसमे कैशयम और मैन शयम के स फे
ट, लोराइट, नाइ े
ट आ द लवण के घु
ले
होने
केकारण होती है| जल क थायी कठोरता को र करनेक मुय व ध पर यू | जल मे
टट व ध है सो डयम काब ने

डालकर उबालनेसेथायी एवं |
अ थायी दोन कार क कठोरता र हो जाती है
*दलदल सेनकलने वाली गै
स को मीथे
न या माश गै ह|
स कहते

धातु
एवं :
अधातु
*धातु
को धन व ुती त व कहते ह | उदाहरण: सोना,चां
द , तां शयम, पारा इ या द |
बा, सो डयम, पोटै
*अधातुको ऋण व ु ती त व भी कहते ह | उदाहरण: गं
धक, काबन, आ सीजन, नाइ ोजन, हाइ ोजन, फा फोरस इ या द |
*अय क मेमले अशु पदाथ को गग कहते है|
*लोहे
मेजंग लगना रासाय नक प रवतन का उदाहरण है |
*जं
ग लगनेसेलोहे   | लोहे
का भार बढ जाता है मेजं
ग लगने
सेबना पदाथ फे
रसोफे |
रक आ साइड होता है
*टं
ग टन तं
तु
केउपचयन को रोकने केलए वजली  के ब ब से |
हवा नकाल द जाती है
* लेटनम सबसे कठोर धातु |
है
*चां
द एवंतां त धारा का सव म चालक ह |
बा व ु
*सो डयम परा साइड का उपयोग पनडु बी जहाज तथा अ पताल आ द क बं द हवा को शु करने मे |
होता है
*कैड मयम का योग ना भक य रए टर मेयूान मं दक के प मे , संाहक बैय मे तथा न न गलनां
क क म धातु बनाने

होता है
*गैलयम धातु कमरे केताप पर व अव था मेहोता है|
*नाइ ोम; न कल, ो मयम और आयरन का म धातु है| 
* लैश ब ब म नाइ ोजन गै स केवायु
म डल मे मैन शयम का तार रखा होता है |
* पटवा लोहा म काबन क मा ा सबसे , अत: यह अपेाकृ
कम होती है त शु होता है |
*मानव शरीर म तां
बा क मा ा मे
वृ होनेव सन नामक रोग हो जाता है |
* स वर आयोडाइड का उपयोग कृ म वषा कराने मे होता है |
* स वर नाइ ेट का उपयोग नशान लगाने
वाली याही बनाने मेहोता है| मतदान के |
समय इसी सेनशान लगाया जाता है
* स वर ोमाइट का योग फोटो ाफ मे |
होता है
* लेटनम को सफेद सोना कहा जाता है|
* ूबलाइट मेसमा यत: पारा का वा प और आगन गै |
स भरी रहती है
*व ु त उपकरण मेयु होने वाला यू ज तार लेड और टन से बना म धातुहोता है|
* लू
टो नयम एक भारी रेडयोस य धातु , इसका उपयोग परमाणु
है बम बनाने
म होता है| हरो शमा एवं
नागासाक पर गराये
गए
बम इसी केबने |
थे
*अधातु एं
सामा यत: उ मा का एवंव ुत का कु चालक होती ह,इसका अपवाद े फाइट है | 
*हीरा के मु
ख गु ण:
1.यह ताप एवंव ु त का कुचालक होता है|
2.यह सबसे ठोस पदाथ है, इस पर अ ल एवंार का भाव नही पडता है |
3.इसका अपवतनां क 2.417 होता है , अत: यह पू
ण आं त रक परावतन के कारण ब त अ धक चमकता है | इस पर रे
डयम से
नकलने वाली X करण के पडने पर यह हरा रं
ग द शत करता है |
4.शु हीरा पारदशक एवं रं
गहीन होता है |
5.कुछ हीरेकालेहोतेह; ज हे बोट कहते ह, इसका योग शीशा काटने मेकया जाता है |
* ेफ़ाइट के गुण:
1.यह व ु त का सु
चालक होता है |
2.इसेकाला शीशा भी कहते ह|
3.इसका उपयोग प सल बनाने , परमाणु भ म इले ोड के प म एवं काबन पेपर बनाने मेकया जाता है |
*थम ला टक : यह गम करने पर मुलायम तथा ठ डा करने पर कठोर हो जाता है| यह गु
ण इसमेसदैव रहता है| उदाहरण:
पालीथीन, नायलान, पालीवाइ नल लोराइड आ द |
*थम से टग ला टक : इसे पहली बार गम करने पर मु ; ले
लायम हो जाता है कन पुन: गम करनेपर मु
लायम नह होता है |
उदाहरण: बैकेलाइट तथा मेलामाइन |
* ाकृतक रबर आइसो ीन का ब लक होता है | यह थम ला टक होता है |
*रबर आसानी से काबन डाई आ साइड मे घुल जाता है|
* ाकृतक रबर काफ मु लायम होता है, इसेकठोर बनाने केलयेइसमे काबन मलाया जाता है |
*थाइकाल रबर को आ सीजन मु करने वाले रसायन के साथ मलाकर राके ट इं
जन मे ठोस धन के प मेयोग कया जाता
है|
*नायलाँन : यह छोटे काब नक अणु के ब लीकरण ारा बनाया जाता है | यह पाली एमाइड रे शे | इसका
का उदाहरण है
उपयोग जाल बनाने , पै
राशू
ट केकपडे , टायर, दां
त का श, पवतारोहण केलए र सी आ द बनाने |
म कया जाता है
*रे न : से
याँ यु
लोज से बनेकृ म रे
श को रे यान कहते ह | इसका उपयोग कपडा बनाने , कालीन बनाने म कया जाता है|
*पा ल टर का उपयोग उपयोग कपडे के प मे , अ न शमन के हौज, पाइप आ द बनाने मेकया जाता है |

  धन :
* कसी भी धन का उ मीय मान अ धक होना चा हए | धन का उ मीय मान उसक कोट का नधारण करता है
|
*सभी धन मे हाइ ोजन का उ मीय मान सबसेअ धक होता है, परं
तु
सु
र त भ डारण क सु
वधा नह होने
केकारण इसका
उपयोग नही कया जाता है|
*हाइ ोजन का उपयोग राके ट धन के प मेतथा उ च ताप उ प करने |
वालेवलक मेकया जाता है
*हाइ ोजन को भ व य का धन कहा जाता है |
* कसी धन क आ टे न संया जतनी अ धक होती है ,उसका अव फोटन उतना ही कम होता है तथा वह उतना ही उ म धन
|
माना जाताहै
*पीट कोयला : इसमे काबन क मा ा 50% से 60% होती है
| इसे जलाने पर अ धक राख एवं धु
आंनकलता है | यह सबसेन न
को ट का कोयला होता है|
* ल नाइट कोयला : इसमे काबन क मा ा 65% से 70% तक होती है | इसका रंग भू
रा होता है| इसमेजल वा प क मा ा
अ धक होती है|
* बटुमनस कोयला : इसमे काबन क मा ा 70% से 85% तक होती है | इसको मु
लायम कोयला भी कहा जाता है  इसका
उपयोग घरेलूकाय म कया जाता है |
*एंासाइट कोयला : यह सबसे उ च कोट का कोयला होता है | इसमेकाबन क मा ा 85% से भी अ धक होती है 
* ाकृतक गै स : यह पेो लयम कु आं सेनकलती है | इसम 95% हाइ ो काबन होता है , जसमे 80% मेथे न रहता है| ाकृतक
गै
स का उपयोग रसोई गैस के प मेकया जाता है | घर मेयु होने वाली ाकृ तक गैस को एल.पी.जी.कहते ह | यह यूटे

एवंोपेन का म ण होता है , जसे उ च दाब पर वत कर स ल डर मे |
भरा जाता है
*एल.पी.जी.अ य धक वलनशील होती है , अत: इससे होनेवाली घटना से बचनेकेलये इसम स फर के यौ गक ( मथाइल
मरका टेन) को मला दया जाता हैता क इसकेरसाव को इसके गंध सेपहचाना जा सके |
*गोबर गै
स म मथे न क मा ा होती है|
* ो ू सर गै
स को लाल त त कोक पर वायुवा हत करके बनायी जाती है | कां
च एवंपात उ ोग म इसका उपयोग धन के प
मेकया जाता है|
*जल गैस का उपयोग हाइ ोजन एवं ए कोहल केनमाण म अपचायक के प म होता है |
*कोल गैस को कोयले केभंजक आसवन से बनाया जाता है | यह वायुके साथ व फ़ोटक म ण बनाती है |
*ए कोहल को जब पेोल के साथ मला दया जाता है तो उसे पावर अ कोहल कहते ह, जो ऊजा का वै
क पक ोत है

त व का वग करण :
*मडलीफ का आवत नयम : त व के भौ तक एवंरासाय नक गु
ण उनके परमाणुभार के आवत फलन होते
ह,यह मडलीफ का
आवत नयम है| मडलीफ क आवत सारणी मे सात आवत तथा नौ समूह ह | आवत सारणी केसरे
और तीसरेलघुआवत म
आठ-आठ त व होतेह | इ हेा पक त व कहतेह|
*मडलीफ के अनु
सार य द त व को बढतेए परमाणु भार के म म व थत कया जाये तो न त एवं समान अं
तराल केबाद
लगभग समान गुण वालेत व पायेजाते ह|
*मडलीफ के आवत सारणी के दोष :
1.त व का म बढते परमाणुभार केअनुसार न होना |
2.सम था नक का थान |
3.हाइ ोजन का ैध वहार |
4.असमान त व का एक ही वग मे रखना |
5.अ य गै स को सारणी म कोई थान न होना |
*आधु नक आवत सारणी :मडलीफ क आवत सारणी मे सं
शोधन कर मोजलेने
आधुनक आवत सारणी का नमाण कया |
आधु नक आवत सारणी के अनुसार त व के भौ तक एवं रासाय नक गु
ण उनके
परमाणुमां
क के आवत फलक होते ह|
आधु नक आवत सारणी म सात ै तज पं तथा अ ारह ऊ वाधर कालम होते ह|
*आधु नक आवत सारणी मेअ य गै स जै सेही लयम, नआन, आगन का एक नया वग (शू
य वग) जोडा गया |
*पहलेआवत म के वल दो त व ह, इस लए इसे अ त लघुआवत कहतेह | इसम सफ हाइ ोजन तथा ही लयम ह |
*आवत दो एवंतीन म आठ-आठ त व ह, तथा इसे लघु आवत कहतेह|
*चौथे
एवं पां
चव आवत मे 18 -18 त व ह, इस लए इसेद घ आवत कहतेह | 
*छठेएवंसातव आवत म 32 – 32 त व हो सकते ह|
* येक द घ आवत म थम आठ त व को सामा य त व तथा शे ष दस त व को संमण त व कहतेह|
*त व का आवत मेव ु त धना मक गु
ण परमाणुमां
क क वृ के |
साथ-साथ घटता है
*हाइ ोजन के
अनुसार त व क संयोजकता पहलेवग 1 से
4 तक बढती है
और उसके त 4 से
उपरां 1 तक घटती है
|
* कसी आवत मेबाय सेदाय बढनेपर त व क त व के आ साइड क ारीय कृ |
त घटती है
* कसी समू
ह म ऊपर सेनीचेक ओर बढने |
पर धा वकता बढती जाती है
*परमाणुमांक 18 का त व वग शूय मेहोगा |

मानव न मत पदाथ :
*आगन का उपयोग म धातु क आक वेडं ग म न य वातावारण तै यार करनेतथा वजली के ब ब मे
भरने मेकया जाता
है|
*ही लयम ह क तथा वलनशील गै स है| इसका उपयोग गु बार को भरनेम तथा मौसम स बंधत अ ययन मेकया जाता है |
*सीमट मु ख प से कैशयम स लके ट और ए यु म नयम स लके ट का म ण है | जल के
साथ म त करने पर सीमट का
जमना उसमे उप थत कैशयम स लके ट एवं ऐ यु
म नयम स लके ट के जल योजन के |
कारण होता है
*साधारण कां
च; स लका, सो डयम स लके ट और कैशयम स लके ट का ठोस वलयन ( म ण)होता है |
*कांच अ टलीय ठोस के प मे एक अ त शी तत व है | इस लए कांचक टलीय सं
रचना नह होती और नह इसका कोई
न त गलनां |
क होता है
*कां ; य क कां
च का कोई न त रासाय नक सूनह होता है च म ण है, यौ गक नह |
*रे
शे
दार कां
च का योग बुट- ू
ले फ जै
केट बनाने
म कया जाता है|
*फोटो ोमैटक कां
च स वर ोमाइट क उप थ त के कारण धूप मे |
काला हो जाता है
*डायनामाइट, ाइ नाइ ो टा वीन (TNT), ाइ नाइ ो फनाल (TNP), ाइ नाइ ो लीसरीन (TNH),  R.D.X. एवंगन पाउडर
कुछ मु ख व फोटक ह |
*अमो नया स फे ट का योग चू ना र हत भू
म म नह कया जाता है |
*यूरया पहला काब नक पदाथ हैजसेयोगशाला म बनाया गया |
*यूरया तथा अमो नया स फे ट नाइ ोजन ऊवरक के उदाहरण ह |
*यूरया म नाइ ोजन 46% तथा अमो नया स फे ट म अमो नया क मा ा लगभग 25% होती है
| अमो नया स फेट मे
नाइ ोजन
अमो नया के प म होता है |
*य द कसी व मे घुलनशील पदाथ मलाया जाये तो व का पृतनाव बढ जाता है|
*य द लोरोफाम को सू
य के काश मे ; वायु
म डल मे खु
ला छोड दया जाये
तो वह वषै
ली गै |
स फा जीन म बदल जाती है
*नाइ स आ साइड को हंसाने
वाली गै स कहतेह | इसक खोज ी टले नेक |
* लोरीन गै
स फू
ल का रं
ग उडा दे
ती है |
*बतन को कलई करने म अमो नयम लोराइड का योग कया जाता है |
* सरकेमे |
ए स टक अ ल होता है
*ऐ स टलीन का योग काश उ प करने म कया जाता है|
*र का वाह रोकने केलए फे रक लोराइड का योग कया जाता है |
*सौर से
ल मेसी जयम यु होता है |
*खाना बनाते
समय सवा धक मा ा म वटा मन न होती है|
*य द ध से म अलग कर दया जाये |
तो ध का घन व बढ जाता है
*अ पताल म कृ म सां |
स केलए यु स ल डर म आ सीजन तथा ही लयम का म ण होता है
*सो डयम को म के ते |
ल म रखा जाता है
*सफेद वण ले टनम को कहते ह|
*सोना का घन व पारा के , इस लए सोना पारा मे
घन व सेयादा होता है डू |
ब जाता है
*एक कलो ाम शहद मे 3500 कैलोरी ऊजा होती है|
*परमाणुके ना भक मेोटान एवंयूान होते ह|
*एक ही त व के दो परमाणुजनक परमाणु संया समान होती सम था नक (आइसोटोप) कहलाते ह|
*एक ही त व के दो परमाणुजनक मान संया समान होती है समभा रक (आइसोबार) कहलातेह|
*एक मोल का मान 6.023X1023 होता है
|
*शु ह|
क बफ ठोस काबन डाई आ साईड को कहते
*गोबर गै
स तथा बायो गै
स का मुय घटक मथे न (CH4) है
|
*सभी गैस -273’C पर शूय आयतन घेरती ह |
*ला फग गैस नाइ स आ साइड (N2O) को कहते ह|
*सामा य ताप एवंदाब (NTP) पर कसी गै स केएक मोल का आयतन 22.4 लीटर होता है
|
*वेडं ग मेआ सीजन के साथ ऐसी टलीन गै स यु होती है |
* सगरेट लाइटर सेयूटे
न गै
स नकलती है |
*चूने
के पानी को काबन डाइआ साइड (CO2) सफे द बनाती है|
* ीन हाउस भाव केलए काबन डाई आ साइड तथा लोरो लोरो काबन उ रदायी होती है |
*अ ु गैस का रासाय नक नाम लोरो- ए सटो फनोन है |
* ट ल या लोहेपर जक का लेप चढाने को गैवे
नाइजे
शन कहते ह|
* ध इम सन (पायस) का उदाहरण है |
*जल मे सबसे कम घु स नाइ ोजन (N2) है
लनशील गै |
*समुंजल मे सवा धक मा ा मेसो डयम लोराइड (NaCl) पाया जाता है|
*सीसा सं
चालक बैम सांस यू रक अ ल (H2SO4) का योग कया जाता है |
*न बूकेरस का PH मान 2.2 तथा ध का PH मान 6.4 होता है
|
*मा चस उ ोग म योग कया जाने वाला रसायन पोटै
शयम लोरे ट (KClO3) है
|
*पीतल; तां
बे
तथा ज तेका म धातु है|
* यू
ज का तार तथा सो डर सीसा और टन का बना होता है |
*सवा धक आघत व य धातु |
सोना है
*कां
सा; कां
पर और टन का म ण होता है |
*मानव ारा न मत थम सं े शत रेशा नायलान है|
*सबसे कठोर पदाथ हीरा, एवं
सबसे कठोर धातुले |
टनम है
*टं क ब 3000’C तथा हीरा का गलनां
ग टन का गलनां क ब 3500’C होता है
|
*वायु
यान केटायर तथा गु
बार मेही लयम गै |
स भरी जाती है
*पदाथ क चौथी अव था ला मा होती है
|
*हाइ ोकाबन के ाकृतक ोत क चा ते लह|
*काबन का शुतम् प हीरा है |
* टे
नलेस ट ल म धातु हैलोहा, न कल, तथा ो मयम का |
*सवा धक व ु त ऋणा मक त व लोरीन है |
* व वण पेो लयम को कहते ह|
*डायनामाइट बनाने |
म नाइ ो लीसरीन का योग होता है
*शु से युलोज कागज सेबनता है |
*आग बु झाने |
केलए काबन डाई आ साइड का योग कया जाता है
*रो ड गो ड कां
पर तथा ए यु
म नयम का म ण है |
*गन पाउडर; स फर, चारकोल तथा शोरा का म ण होता है
|
*रेजे रे
टर मेअमो नया गै
स योग कया जाता है|
*रासाय नक यौ गक का सबसे छोटा कण परमाणु होता है |
*सबसे छोटा कण जसमे त व का सभी गु
ण व मान होता है उसेअणु ह|
कहते
*ह य मे कैशयम एवं दां
त म फा फोरस पाया जाता है |
*नाइ ोम; ो मयम, न कल तथा लोहा का म धातु है |
*त बाकू म वषै |
ला पदाथ नको टन होता है
*लोहा को पात मेबदलने केलए उसमेन कल मलाया जाता है  |
*फल के रस को सु
र त रखने |
केलए फा मक अ ल का योग कया जाता है
*खा पदाथ क सु |
र ा केलए बजोइक अ ल का उपयोग कया जाता है
*इले ान का आ व कार जे
.जे
.थामसन नेकया |
* ोटान का आ व कार गो ड ट न नेकया | 
* यूान का आ व कार जे स चौड वक नेकया |
*ना भक क खोज रदर फोड ने क |
*जल का वथनां क 100’C या 212’F या 373 K होता है |
*लोहा का न कषण हे
मेटाइट (अय क) सेकया जाता है |
*लाल म म फा मक अ ल होता है |
*ख े फल मे साइ क अ ल पाया जाता है|
* ध मेलै |
टक अ ल पाया जाता है
*फल के रस मे |
एसी टक अ ल पाया जाता है
*इमली मे
टारटे |
रक अ ल पाया जाता है
*ओजोन गैस चां
द क चमक को काला कर दे |
ती है
*सोनेकेआभू षण बनाते समय उसम तां |
बा मलाया जाता है
* ो ूसर गैस या वायुअंगार गै
स नाइ ोजन एवंकाबन मोनो आ साइड गै |
स का म ण होती है
*इले ान यागने क या को आ सीकरण तथा हण करने क या को अवकरण कहतेह|
*लपो व ू ब म नयान गै स भरी जाती है |
*व ुत का सबसे अ छा चालक चां द है|
*शु सोना 24 कै रे |
ट का होता है
*कृ म वषा केलए स वर आयोडाइड का योग कया जाता है|
*अ ल वषा केलए उ रदायी गै
स SO2  एवं
NO2 ह |
*लोहे
मेजंग लगने
केलए आ सीजन एवं |
नमी उ रदायी है
*रबर को कठोर बनानेकेलए उसम काबन या स फर मलाते ह|
*फा फोरस हवा मे जल उठता है
इसी कारण इसे जल मे
डू
बाकर रखा जाता है|
*कृ म सुगंध बनानेकेलए ए थल ए सटे |
ट का योग कया जाता है
*बतन मे कलई करने केलए अमो नयम लोराइड का योग कया जाता है |
*आदश गै स का समीकरण PV=nRT होता है | 
*कपूर को उ वपातन व ध ारा शु कया जाता है|
*च मेका लस कुस कां |
च का बना होता है
*सबसे ह का त व हाइ ोजन है |
*हवा का वा प घन व 14.4 होता है
|
* फटकरी एवं |
शोरा म नाइ क अ ल पाया जाता है
*सोडा वाटर एवंअ य पे |
य म काब लक अ ल पाया जाता है
*यूरया का रासाय नक नाम काबामाइड (CO(NH2)2 है|
*सडी मछली जैसी गं
ध ओजोन गै
स से आती है|
* कृ त मे
सवदा मु अव था म पाई जाने
वाली धातु |
सोना है
*पालीथीन ए थलीन के |
ब लीकरण सेा त होती है
*गोताखोर सां
स ले
नेकेलए आ सीजन एवं ही लयम गै ह|
स केम ण का योग करते
#################################################

BABLU YADAV पर 3:15 pm

साझा कर 1

6 ट  प णयां
:

Sonu 19/09/2015, 7:37:00 pm


गु

उ रद

Sonu 19/09/2015, 7:38:00 pm


गु

उ रद

Ramprasad Patel 19/03/2016, 5:51:00 am


मु
झे
पसं । I Like
द है
उ रद

Unknown 27/06/2016, 4:12:00 am


Very very thanks
उ रद

Unknown 27/06/2016, 4:12:00 am


Very very thanks
उ रद

mishree lal 27/06/2016, 5:01:00 am


Very very thanks
उ रद

अपनी ट पणी लख...

इस प म ट पणी कर: Kailash Ahirwar (Google) थान कर

का शत कर पू
वावलोकन मु
झे
सूचत कर

‹ मुयपृ ›
वे
ब वशन दे

चा लत Blogger.
इसके ारा सं

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