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अशोकवनिका पद्ाांशः

1 अन्वयः - (हिुमाि् ) सवव ऋतु कु सुमयः रमययः फलवनभः च पादपयः पुनपपतािाम्


अशोकािाम् निया सूयोदयरभाभाम् ( पयतयनत अ अवलोकयनत ) ।

1 कय ः रमयम् उद्ािम् ? ---------------------------------

2 पुपपानि कदा नवकनसतानि तत्र सनन्त ? ---------------------------------------

3 कः अपयतयत् ? -----------------------------------

4 अशोकवनिकायाः निया सः काां अपयतयत् ? --------------------------------------

5 निया – नवभनतः का ?-----------------------------------------

6 कानन्तः इनत पदस्य समािार्वः अत्र कः ?-----------------------------

7फलवद् इनत पदम् कस्मय रभायुतम् ? -------------------------------

8 फलवनभः इनत पदम् कस्य पदस्य नवशेषिम् ?---------------------------------

10 सः काम् पयतयनत ? ------------------------

11 के षाां निया सः पयतयनत ?-----------------------------------

12 अशोकवनिका कीदृशी वतवते ?------------------------------

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13 का पुनपपताः सनन्त ? ---------------------------------

14 सकल इनत पदस्य पयावयः अत्र कः ?-------------------


15 कु सुनमतयः इनत पदस्य समािार्वः अत्र कः रभायुतः ?-------------------

16 स देशः – इनत पदयोः सनन्िनवच्छेदां कु रुत ---------------------------

17 पुनपपतािाां अशोकािाां इनत अियोः पदयोः नवशेषिपदम् ककमनस्त ?

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18 अव्ययपदम् नचत्वा नलखत --------------

श्लोकः – 2 कर्णिकारय ः कु सुनमतयः ककशुकयश्च सुपुनपपतयः ।


स देशः रभाभया तेषाां रभादीप्त इव सववतः ।।
कर्णिकारय ः कु सुनमतयः ककशुकयः च सुपुनपपतयः सः देशः तेषाां रभाभया सववतः
रभादीप्तः इव ( अनस्त )।
पद्ाांशः

1 सः देशः कीदृशः अनस्त ? --------------------

2 सः देशः कया रभादीप्तः इव अनस्त ? --------------------------

3 स देशः इनत पदस्य सनन्िनवच्छेदां कु रुत ----------------------------

4 कानन्तः इनत पदस्य पयावयः कः ? ---------------------------

5 ककशुकयः च इनत पदस्य सन्न्ि कु रुत -----------------------------

6 अव्ययपदां नलखत ----------------------


श्लोकः – 3 पुांिागाः सप्तपिावश्च चमपकोद्दालकास्तर्ा ।
नववृद्धमूला बहवः शोभन्ते स्म सुपुनपपताः ।।
अन्वयः - पुांिागाः सप्तपिावः चमपक उद्दालकाः तर्ा सुपुनपपताः च
बहवः नववृद्धमूलाः शोभन्ते स्म ।।
1 नववृद्धमूलाः इनत पदस्य अर्वः कः ? -------------------

2 बहवः नववृद्धमूलाः अियोः पदयोः नवशेपयपदां ककम् ?------------

3 अव्ययपदां नलखत ----------------------

4 ह्रस्व इनत पदस्य नवलोमपदां अत्र कक रभायुतम् ?

5 चमपकोद्दालकास्तर्ा – सनन्िनवच्छेदां कु रुत

श्लोकः – 4 िन्दिां नवबोिोद्ािां नचत्रां चयत्ररर्ां यर्ा ।


अनतवृत्तनमवानचन्त्यां कदव्यां रमयनियावृतम् ।।
अन्वयः – ( तत् उपविम् ) िन्दिां नवबोिोद्ािां नचत्रां चयत्ररर्ां यर्ा
अनतवृत्तम् इव अनचन्त्यां (तर्यव ) कदव्यां रमयनिया आवृतम् आसीत् ।
1आच्छाकदतम् इनत पदस्य पयावयः अत्र कः ? --------------

2 नवस्तृतम् इनत पदस्य समािार्वः अत्र कः ?----------------

3 अशोकवनिका कया आवृतम् अनस्त ? --------------------

4 अशोकवनिका के षा उद्ािम् इव अनस्त ?-----------

5 अव्ययद्वयां नलखत ------------------------

श्लोकः – 5 सववतुवपुपपयर्णिनचतां पादपयमविुगनन्िनभः ।


िािानििादयरुद्ािां रमयां मृगगिनद्वजयः।।
अन्वयः - (एतत् ) उद्ािम् (अशोकविम् ) सववतुवपुपपयः निनचतां मिुगनन्िनभः पादपयः
िािानििादयः मृगगिनद्वजयः ( च ) रमयां ( अनस्त )।।
1 नद्वजः इनत पदस्य पयावयः कः ?----------------------------------

2 के षाम् नििादयः उद्ािां रमयम् वतवते ? ---------------------------------

श्लोकः – 6अिेकगन्िरभावहां पुण्यगन्िां मिोहरम् ।


शयलेन्रनमव गन्िाढ्यां नद्वतीयां गन्िमादिम् ।।
अन्वयः - तत् अशोकविम् अिेक गन्ि रभावहां पुण्य गन्िां मिोहरम् ।
नद्वतीयां गन्िमादिम् शयलेन्रम् इव गन्िाढ्यां अनस्त ।।
1 अशोकविम् कीदृशमनस्त ? ----------------------

2 अशोकविम् कीदृशनमव गन्िाढ्यम् अनस्त ?

3 पववतः इनत पदस्य पयावयः कः ?

4 अव्ययद्वयां नलखत ।

श्लोकः – 7 अशोकवनिकायाां तु तस््ाां वािरपुांगवः ।


स ददशावनवदूरस्र्ां चयत्यरभाासादमूर्णजतम् ।।
अन्वयः स वािरपुांगवः तस््ाां अशोकवनिकायाां तु
अनवदूरस्र्ां ऊर्णजतम् चयत्यरभाासादम् ददशव ।।
1 सः अशोकवनिकायाां कक ददशव ? -----------------------------

2 कीदृशां चयत्यरभाासादां ददशव ? ---------------------------------

3 वािरपुङ्गवः कः ? ---------------------------------------

4 नवदूरस्र्ां इनत पदस्य नवलोमः अत्र कः ? -----------------------

5 स ददशव – इनत पदयोः सनन्िनवच्छेदां कु रुत ----------------------

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