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Introduction:
MahaDharma :
the basic religion of humanity.
MahaManan (महामनन)
(MahaAtma-Vikas-Yoga Education)
MahaManan
Just it needs to be established; –the
people are ready to receive it.
Eligibility:
Maharshi MahaManas
(मह ष महामानस)
He is a knowledge worshiper, educated in
the open school of the world! Self-
conscious man of vast experience with art
sense, creative power. He is an author –
philosopher –researcher. He is the spiritual
teacher of true self development
Education and specialist in mental
problems.
महाधम
मानव धम ही महाधम
महाधम : खु
ले
मन के य – वतं- वचारक के
लये आधु नक यु
ग के
उपयोगी धम। यु स मत
आ या मकता के आधार पर आ म- वकाश एवं
मानव
वकाश आधा रत धम।
अब इस सं
कटपू
ण समय म, के
वल सच एवं यू स मत
- आ या मक ां
तकारी आंदोलन हम बचा सकता है
।
'महाधम' हमारे
मौ लक धम –मानव धम है ! महाधम को
अपनाने केलए, यह एक के मौजूदा धम का प र याग
करना आव यक नह है । अपने जीवन का काफ आनं द
अपनाने केलये महाधम (महाधम) अ यास क जये ,
इससे शरीर और मन क सुढ़ता– शां त केसाथ
सावभौ मक वकास मलता है ।
अ य वे
बसाइट केलए गू
गल सच=महाधम, महमनन,
चे
तना क क म और मु- वचारक क क म ही, इस
सं
कटपूण समय का कारण है। के
वल वतं- वचारकगण
बे
हतर नया बना सकते ह!
म जो भी ँ
, असल म म एक मानव ँ
, और मानव
वकास मेरा मू
ल धम है
।
सार कथा:
"आप एक इं सान के प म पै
दा या है
; इस लए, एक
पू
री तरह सेवक सत इंसान होना अपनेजीवन क
सबसे मह वपूणउ े य है
। अपने जीवन क उ े य के
साथ इस जाग तक णाली को पता करने
केलये ,
अपने आप को हमे
शा जा त-चेतन रखने
क को शश
कर। और अपने आप को पूण वक सत इं
सान बनाने
के
लए सदा कौ शस जा र रख।"
"ज म या इ छा से
एक इं
सान के प म, आप कसी भी
मौजूदा धम से
संबं
धत हो सकता है
। एक इं
सान होने
पर, अपनेमु ख और मौ लक धम हैमानव धम। स चे
आ म- वकास क -इस अ यास ह महाधम है ।"
आपका वागत है
!
मानव धम ह महाधम
केवकास के मा यम से
ही एक देश तथा मानव
जा त केवकास संभव है
। उस योजन केलए ,
महाधम और महामनन काय म नया भर म शु
कया गया है
। हम आप अपने सभी क मदद करने के
हाथ का व तार और स य प से शा मल होनेके
लए आमंत करते ह इसेसफल बनाने केलए।
गू
गलसच = महाधम महमनन महामानस
महाधम के
बारे
म अ धक....
मानवधम हामारा मू
ल धम है
। 'महाधम' मानव धम और
यु स मत आ या मकता के आधार पर, आ म-
वकाश तथा मानव वकाश का धम है । आधु नक समय
केवैल वक आं दोलन –मानव वकास केलए।
आज, मानव धम को पु
न था पत करने केलए एक
असाधारण मानव वकास काय म से प र चत कराना
शु कया है।एकमा मानवधम हमारा सनातन धम है ।
जस धम के अ यास केमा यम से
, एक ब त ही
वक सत, सही मानव बन सकता है
, वोही मानव धम है।
।। मानव धम ही महाधम ।।
अ धक प प से
जानने
केलए, इस वे
बसाइट पर
आएं- www.mahadharma.wix.com/english
www.mahadharma.wix.com/hindi
www.mahadharma.wix.com/bangla
एक उ कृतर-- एक बे
हतर नया बनाने
केलए....
केवकास के मा यम से
ही एक देश तथा मानव
जा त केवकास संभव है
। उस योजन केलए ,
महाधम और महामनन काय म नया भर म शु
कया गया है
। हम आप अपने सभी क मदद करने के
हाथ का व तार और स य प से शा मल होनेके
लए आमंत करते ह इसेसफल बनाने केलए।
मानवधम या है
....?
हमारे आ द धम है~ मानव धम।
मनु य, जाग तक णा लय क अनु सार, कम और भोग
के मा यम से, सु
ख- ख-पीड़ा केमा यम से और व भ
काय और त या के मा यम सेान और अनु भव
ा त करते रहनेह। जतना ही भोग होता है
, उतना ही
योग होता है
।
पारं
प रक धम और ामक धम- ापा रय ने हम हमारे
बे
होश-अंधापन, असहायता और भय और लालच के
दायरेम ले
कर, उनकेअमान्उ हत को संतुकरने के
लए, जीवन केमुय रा ते
सेहटाकर हम गु
मराह कया
है
।
अगर नया म कोई पारं प रक धम नह होता, तो लोग
वकास क राह म ब त आगे बढ़ सकते थे
। नया म
इतनी सम या नह होती थी। लोग को इतनी परे
शानी
नह झेलनी पड़ती।
अ धक जानकारी केलए, गु
गल साच कर :
MahaDharma