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अिग्नपऽ

दे श के नीित-िनधार्रको से दे श की मुख्य 9 व्यवःथाओं से जुडे ज्वलन्त ूश्न

भारत ःवािभमान की मुख्य 9 नीितयाँ एवं उद्दे ँय

1 ःवदे शी िचिकत्सा व्यवःथा।


2 ःवदे शी िशक्षा व्यवःथा।
3 ःवदे शी अथर्व्यवःथा।
4 ःवदे शी कानून व कर व्यवःथा।
5 भारतीय संःकृ ित की रक्षा।
6 ॅष्टाचार, बेरोजगारी, गरीबी, महं गाई व भूखमुक्त वैभवशाली भारत का िनमार्ण।
7 मामीण ःवावलम्बन।
8 पयार्वरण की रक्षा व ःवच्छता।
9 िनयिन्ऽत जनसंख्या।

यिद आपमें ःवदे श का थोडा-सा भी ःवािभमान है और आपको अपने राष्टर्ीय


दाियत्वों व कत्तर्व्यों का अहसास है , यिद आपमें दे श के ूित बतज्ञता का भाव है , तो हम
उन तमाम दे श भक्त संवेदनशील, सजग, जागरुक व कतर्व्य िनष्ठ भारतीयों से आह्वान करते
हैं िक यिद राष्टर् िहत मे उठाये गये ये ूश्न आपको उिचत लगते है तो आप भी इस
आन्दोलन मे सिबय रुप से सहभागी बिनए और इन ॅष्ट नीितयों, कानूनो एवं व्यवःथाओं
को उखाड फैंकने व दे श को बचाने के िलए आगे आइए और एक सच्चे भारतीय होनें का
फजर् िनभाइये और दे श की व्यवःथाएं चलाने वालों से राष्टर्िहत मे ये ूश्न पुिछये और जब
तक समाधान नहीं हो जाता तब तक संघषर् कीिजए, एकिदन िवजय अवँय िमलेगी और
भारत की तकदीर व तःवीर बदलेगी।

ूश्न-1
(क) जब हम 90 से 99% बीमािरयों को भारितय योग व आयुवद
ेर् आिद भारतीय
िचिकत्सा पध्दितयो से ठीक कर सकते है तो िफर िवदे शी िचिकत्सा पध्दितयों की गुलामी
को राष्टर्ीय िचिकत्सा पध्दित के रुप मे ःवीकायर्ता क्यों?
(ख) जब ःवदे शी िचिकत्सा पध्दित से बी पी व थाइराइड आिद 99% बीमािरयों को
ठीक िकया जा सकता है तो अंमेजी दवाओं से बीमािरयों को िनयिन्ऽत करने के नाम पर
ूितवषर् 6 लाख करोड से अिधक की लूट क्यों और ःवदे शी िचिकत्सा पध्दितयों का
सरकारी ःतर पर ितरःकार, अपमान, उदासीनता व उपेक्षा क्यों?

ूश्न-2
(क) जब योग िशक्षा से दे श के बच्चों एवं युवाओं को संयमी, सदाचारी, बलवान,
चिरऽवान, िपतृभक्त एवं राष्टर्भक्त बनाकर नशा-वासना, िहन्सा व अपराध से बचाया जा
सकता है तो िफर यौन िशक्षा की वकालत क्यों?

(ख) जब हम अपने दे श के बच्चों को राष्टर्भाषा िहन्दी व अन्य ूादे िशक भारतीय


भाषाओं- गुजराती, मराठी, बंगला, पंजाबी, उिडया, असिमया, तिमल, तेलगू, कन्नड आिद
में िशक्षा दे कर डाक्टर, इिन्जिनयर, आइ ए एस, आई पी एस व वैज्ञािनक आिद बना सकते
है तो िफर िवदे शी भाषा व षड्यन्ऽकारी मैकाले की िशक्षा व्यवःथा की गुलामी क्यों? और
अपने दे श की भाषाओं का अपमान क्यों? भारतीय संिवधान के अनुच्छे द 343 व 344 के
अनुसार दे श की भाषा मे िशक्षा, शासन व न्याय व्यवःथा को तुरन्त लागू करके दे श के
करोडों लोगों के साथ हो रहा अन्याय तुरन्त बन्द होना चािहए। अंमेजों के शासन काल में
अंमेजी में काम करना हमारी मजबूरी थी। आज आजाद दे श में हमें भाषा, िशक्षा, ःवाःथ
व अथर्व्यवःथा आिद की िवदे शी गुलामी से बाहर िनकलना चािहए और सम्पूणर् आजादी के
साथ भारत की शासन, न्याय व समःत नीितयों को तय करना चािहए। दे श मे माऽ भाषा
के कारण ही समःत व्यवःथाओं पर 1% लोंगो का एकािधकार व 99% लोगों पर अन्याय
क्यों?

(ग) जब एम एल ए, एम पी व मन्ऽी आिद अपने बच्चों को अच्छे ःकूल, कालेज


व िवश्विवद्यालय में पढाते हैं और बीमार होने पर अपना व अपने पिरजनों का इलाज अच्छे
अःपताल मे करवाते हैं , तो िफर दे श के आम व गरीब आदिम के िलए अच्छे सरकारी
ःकूल तथा अच्छे अःपताल क्यों नहीं? िॄटे न, कनाडा आिद िवश्व के अिधकांश सभ्य दे शों
में वहां के जन-ूितिनिध सरकारी ःकूलों में ही अपने बच्चों को पढाते हैं व सरकारी
अःपतालों मे ही इलाज करवाते हैं , अत: वहां की िशक्षा व ःवाःथ की व्यवःथाएं बहत
ु ही
उन्नत ःतर की हैं , तो िफर यह व्यवःथा हमारे यहाँ क्यों नहीं हो सकती? जब नेता व
उच्चािधकारी इन सरकारी संःथानों से जुड जायेंगे तो सरकारी ःकूल व हॉःपीटल एक िदन
में ठीक हो जायेंगे और दे श के आम नागिरक को िशक्षा व ःवाःथय की ौेष्ठ व्यवःथाएं
सुलभ हो जायेंगी। एम्स जैसे सरकारी हॉःपीटल व िदल्ली िवश्विवद्यालय आिद में अच्छी
ःवाःथ व िशक्षा की सुिवधाएं इसिलए हैं क्योंिक वहाँ बडे नेताओं व अिधकािरयों का सीधा
सम्बन्ध है ।

ूश्न-3
(क) जब ःवदे शी अथर्-व्यवःथा से दे श के ूितवषर् 20 से 30 लाख करोड रुपये
बचाकर भारत को िवश्व की आिथर्क महाशिक्त बनाया जा सकता है , तो िफर वैिश्वकरण व
औद्योगीकरण की गलत नीितयों से दे श का आिथर्क शोषण व दोहन क्यों? ःवदे शी
अथर्व्यवःथा को नष्ट कर दे श को गरीब, िभखमंगा, कंगाल बनाने का व लूटने का यह
षड्यन्ऽ क्या बन्द नहीं होना चािहए?

ूश्न-4
(क) जो 34,735 कानून अंमेजों ने अपने शासन काल में हमें लुटने, हमेशा के
िलए गुलाम बनाने के िलए तथा हम पर अत्याचार व शोषण करने के िलए बनाए थे,
आजादी के बाद भी उन्हीं कानूनों को लागू करके, हम पर अत्याचार तथा हमारा शोषण व
लूट क्यों? तथा संिवधान के अनुच्छे द 372(क) के अनुसार राष्टर्िहत मे कानून व्यवःथाओं
मे पिरवतर्न क्यों नहीं?
(ख) जब अिनवायर् मतदान का कानून बनाकर दे श के लोकतन्ऽ को बचाया जा
सकता है और लोकतन्ऽ के नाम पर चल रहे ॅष्टाचार व षड्यन्ऽ को पूणत
र् : समाप्त िकया
जा सकता है , तो िफर अिनवायर् मतदान का कानून क्यों नहीं बनाते?
(ग) यिद शराब व तम्बाकू बनाने वाली कम्पिनयो पर नशा करके बीमार हए
ु लोगों
के उपचार का खचर् वसूलने का कानून बनाकर उन पर अंकुश लगाया जा सकता है तो िफर
कुछ चंद लोगों को रोजगार दे ने व व्यापार करके करोडपित बनाने की एवज मे लाखों लोगों
को मौत के मुह
ँ में सुलाने के षड्यन्ऽ के िखलाफ कानून क्यों नहीं बनना चािहए क्योंिक
लुभावने िवज्ञापन व गलत िवचार दे कर लोगों के मन मे बिऽम भूख पैदा करके नशों की
लत डालने के िलए ये कम्पिनयाँ सीधी िजम्मेदार है ।
(ड) पाँच तरह के अपराधीयों अथार्त ॅष्टाचारी, बलात्कारी, आतंकवादी, िमलावटखोर
तथा अत्यन्त जहरीला ूदषण
ु फैलाकर लाखों-करोडों दे शवािसयों को टी बी, केन्सर व अन्य
ूाणघात िबमािरयों व मौत के मुह
ँ मे सुलाने वाले दे श व दे शवािसयों की सुरक्षा खतरे मे
डालने वाले इन लोगों को आजीवन कारावास या ॆत्युदण्ड क्यों नहीं?
(च) जब ॅष्टाचािरयों को फांसी दे कर दे श को लूटने से व आतंकवािदयों को
ॆत्युदण्ड दे कर दे श को आतंक से बचा सकते है , जब माँ, बहन बेिटयों की इज्जत से
िखलवाड करने वाले बलात्कारी व दराचािरयों
ु को म मौत की सजा का कानून बनाकर
उनकी इज्जत को बचा सकते है तथा जहरीला ूदषण
ु फैलाकर दे श को बीमािरयों व मौत
के मुह
ँ में सूलाने वाले लोगों के िखलाफ कानून बनाकर दे श की लोगों की ूाणघात रोगों व
मौत से रक्षा कर सकते हैं तो िफर इनके िखलाफ ॆत्युदण्ड का ूावधान क्यों नहीं?
तो क्या इसका मतलब यह िनकाला जाये िक सरकारों व व्यवःथाओं को चलाने
वाले लोगों की नीितयाँ व िनयत ठीक नहीं है और कहीं सरकार व शासन ही तो इन
अपरािधयों को संरक्षण नहीं दे रहें हैं ?
(छ) जब माऽ 2% शान्जैक्शन ‘कर’ (टै क्स) लगा करके दे श के िवकास के िलए 18
लाख 20 हजार करोड रुपये जुटाए जा सकते हैं तो िफर 64 ूकार के गैर जरुरी कर
लगाकर दे श के लोगों की मेहनत की कमाई का लगभग 50% िहःसे को लूटने का षड्यन्ऽ
क्यों?

ूश्न-5
(क) जब भारतीय धमर्, दशर्न, अध्यात्म व संःकृ ित िवश्व की सबसे पुरानी
सावर्भौिमक, वैज्ञािनक एवं सवर्ौष्ट
े संःकृ ित है और हमारे सांःकृ ितक व आध्याित्मक
िचन्तन में कहीं भी न्यूनता व अपूणत
र् ा नहीं है तो िफर िवदे शी संःकृ ित, सभ्यता की
आवँयकता व गुलामी क्यों? तथा भारतीय संःकृ ित के संरक्षण, संवधर्न व ूोत्साहन के
िलए ूितबध्दता क्यों नहीं?

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